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उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग में 910 मैट्रिक टन माल्टा की फसल हुई, लेकिन ए-ग्रेड समर्थन मूल्य घोषित नहीं होने से किसान परेशान हैं। विपणन केंद्र दूर और सरकारी उदासीनता के कारण माल्टा सड़ने या बिचौलियों को सस्ते में बिकने को मजबूर है।
Rudraprayag: उत्तराखंड देवभूमि में इस वर्ष माल्टा, सन्तरा, नारंगी, नींबू और गल्ल गल्ल की फसल अच्छी हुई है। विशेषकर माल्टा के पेड़ पहाड़ी खेतों और घर के आंगन में भरपूर फल दे रहे हैं। मौसम और बारिश ने इस फसल को उत्कृष्ट बनाया है, लेकिन किसानों के चेहरे पर खुशियां कम और मायूसी ज्यादा है।
उधान अधिकारी राजेश प्रसाद जशोला ने बताया कि ए श्रेणी के माल्टा का समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है या नहीं, उन्हें स्पष्ट जानकारी नहीं है। बाजार में माल्टा 80 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि बी और सी श्रेणी के माल्टे का समर्थन मूल्य अधूरा या केवल 10 रुपये प्रति किलो है। इसके कारण किसान सही मूल्य मिलने के इंतजार में असहाय महसूस कर रहे हैं।
सरकार ने तीन विकास खंडों में तीन विपणन केंद्र बनाए हैं, लेकिन उनकी दूरी और दुर्गम स्थानों के कारण किसान अपना माल्टा नहीं पहुंचा पाते। बड़ी मात्रा में माल्टा रखने वाले किसानों के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण है। वहीं, बिचौलियों द्वारा औने-पौने दामों में माल्टा खरीद लिया जाता है, जिससे किसानों को उचित लाभ नहीं मिल पाता।