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उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के महाधरने का असर को सहजनवा तहसील में साफ दिखा। समाधान दिवस पूरी तरह ठप रहा और राजस्व से जुड़े किसी भी काम पर सुनवाई नहीं हुई। दूर-दराज़ से आए फरियादी मायूस लौटे। लेखपालों ने वेतनमान, प्रमोशन, सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं को लेकर आठ सूत्रीय मांगों पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला।
Gorakhpur: उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के प्रदेशव्यापी महाधरने का व्यापक असर सहजनवा तहसील में सामने आया, जहां गुरुवार को समाधान दिवस पूरी तरह ठप रहा। तहसील में सुबह से ही राजस्व से जुड़े कार्यों के लिए पहुंचे फरियादियों को काफी देर इंतजार करना पड़ा, लेकिन लेखपालों की अनुपस्थिति के कारण कोई भी मामला निस्तारित नहीं हो सका, जिसके बाद लोगों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा।
लेखपाल संघ सहजनवा इकाई के अध्यक्ष रत्नेश मढ़ी त्रिपाठी के नेतृत्व में लेखपालों ने तहसील परिसर में धरना देकर अपनी आठ सूत्रीय मांगों के समर्थन में जोरदार आवाज उठाई। कर्मचारियों ने वेतनमान में सुधार, प्रमोशन नीति लागू करने और फील्ड कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की प्रमुख मांगें उठाईं। धरने में शामिल महिला लेखपालों ने तहसील परिसर की बुनियादी समस्याओं पर भी कड़ा विरोध दर्ज कराया। उन्होंने शौचालयों की बदहाल स्थिति, पीने के पानी की कमी और बैठने की उचित जगह न होने जैसी समस्याओं को प्रशासन की लापरवाही बताया।
स्थिति गंभीर होती देख उपजिलाधिकारी केसरी नंदन तिवारी मौके पर पहुंचे और लेखपालों से बातचीत कर समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। हालांकि कर्मचारी संघ ने चेतावनी दी कि मांगें पूरी न हुईं तो आंदोलन और तीव्र होगा।