

पहले हेली क्रेश की घटना फिर दोपहर में नाला उफान के चलते यात्रा बाधित हुई, जिसके चलते श्रद्धालु सहम गए हैं। पूरी खबर के लिए पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
केदारनाथ घाटी
रुद्रप्रयागः ग्यारहवें ज्येर्तिलिंग भगवान केदारनाथ की यात्रा पर हो रहे हादसे को लेकर जिस तरह से प्रश्न चिह्न लग रहे हैं, उससे हर कोई स्तम्भ है। बता दें कि हर कोई केदारनाथ घाटी में हो रहे हादसे को लेकर डरा हुआ है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार जैसा कि आप जानते हैं कि हर वर्ष केदारनाथ घाटी में मानव जनित घटना और प्राकृतिक आपदाओं के कारण केदार यात्रा पूरी नहीं हो रही है। जिसके चलते अब पूरा देश सोच रहा है कि केदारघाटी में ऐसा क्या हो रहा है।
भगवान भोले के दर पर जाने के लिए हर कोई उत्साहित हैं पर उससे क्या पता कि कुछ मानव जनित आपदा भी काल के गाल में समा देती है। बता दें कि कुछ प्राकृतिक आपदाएं हर साल केदारनाथ जैसी विषम भौगौलिक परिस्थ्यिं वाले क्षेत्र में घटती है, जो देश विदेश से आए श्रद्धालुओं को काल के गाल में समाती जा रही है।
बड़ी अनहोनी की समस्या
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केदारनाथ यात्रा के दौरान केदारनाथ घाटी में यह चौथी हेली क्रेस की घटना है। जिसमें कई लोग मौत के मुहं में समा गये, तो वहीं कल दोपहर बाद हुई मूसलाधार बारिश के कारण जिस तरह से गदेरे और नाले उफान पर थें उन्होने 2024 की जुलाई की याद ताजा कर दी। श्रद्धालुओं और जिला प्रशासन शासन ने यात्रियों को सम्हलने के लिए चेतावनी दे दी है।
अगर केदारनाथ जैसे धार्मिक स्थान पर इसी प्रकार का खेल होता रहा और समय रहते इसे ठीक नहीं किया गया, तो आने वाले समय में निश्चित तौर पर कोई बड़ी अनहोनी भी हो सकती है। सीएम ने दो दिन पहले हेली कम्पनीयों पर सख्त निर्देश जारी करते हुए समय सीमा तय कर दी है।
मलबे को हटाकर शुरू की पैदल यात्रा
राज्य में हुए हेली हादसे को लेकर सभी लोग काफी प्रभावित हुए हैं। भले ही आर्यन कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है लेकिन क्या जो लोग मौत के मुहं में समा गए उनकी जान इतनी सस्ती थी। आज प्रातः काल से मौसम के अनुकूल होने पर जनपद में केदारनाथ धाम यात्रा सुचारु हो गयी है।
देर सायंकाल प्रशासन की विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के स्तर से पैदल यात्रा मार्ग में विभिन्न स्थानों पर आये मलबा पत्थर इत्यादि को हटाकर मार्ग यात्रा हेतु सुचारु कर दिया गया था। जनपद क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न कस्बों से होकर यातायात सीतापुर,सोनप्रयाग पार्किंग में पहुंच रहा है। फिलहाल सुव्यवस्थित पार्किंग व्यवस्था के उपरान्त यात्री गण शटल सेवा के माध्यम से गौरीकुण्ड पहुंच रहे हैं और पैदल, घोड़ा व खच्चर के माध्यम से यात्रा फिर से शुरू हो चुकी है।
आगामी दिवसों के लिए बारिश की संभावना
उत्तराखण्ड मौसम विभाग द्वारा आज सहित आगामी दिवसों के लिए भी बारिश की संभावना को देखते हुए येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है। अकस्मात होने वाली तेज बारिश के कारण पैदल मार्ग में भूस्खलन होने या ऊपर पहाड़ी से पत्थर या मलबा गिरने की संभावना अधिक है।