देहरादून में मौसम की मार: बादल फटने से अफरा-तफरी, प्रशासन रेस्क्यू में जुटा

देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में देर रात बादल फटने की घटना से हड़कंप मच गया। कई दुकानें मलबे में बह गईं और दो लोग लापता हैं। प्रशासन और रेस्क्यू टीमें राहत कार्य में जुटी हुई हैं।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 16 September 2025, 8:16 AM IST
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Dehradun: देहरादून के लोकप्रिय पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा क्षेत्र में सोमवार देर रात बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके में अफरातफरी मचा दी। घटना करीब रात 11:30 बजे कारलीगाढ़ सहस्त्रधारा क्षेत्र में हुई, जब तेज बारिश के साथ अचानक भारी मलबा बहता चला आया। पहाड़ से आए इस मलबे ने कई दुकानों और रास्तों को नुकसान पहुंचाया। घटनास्थल पर दो लोगों के लापता होने की खबर है, जिनकी खोजबीन जारी है।

जैसे ही बादल फटने की सूचना प्रशासन को मिली, जिला अधिकारी सविन बंसल तुरंत हरकत में आए और राहत एवं बचाव कार्यों की कमान खुद संभाली। उनके निर्देशन में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और लोनिवि (लोक निर्माण विभाग) की टीमों को तत्काल मौके पर भेजा गया। ये टीमें जेसीबी और अन्य भारी उपकरणों के साथ देर रात से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं।

मौके पर पहुंचीं अधिकारी

जिलाधिकारी के आदेश पर एसडीएम कुमकुम जोशी खुद घटनास्थल पर पहुंचीं और हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्र से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, तेज गर्जना के साथ अचानक पानी और मलबा बहता हुआ आया, जिससे कई दुकानें बह गईं और सड़कें बंद हो गईं। गनीमत रही कि घटना देर रात हुई, जब इलाके में कम भीड़भाड़ थी, जिससे बड़े जनहानि से बचा जा सका।

देहरादून में मौसम की मार

लापता लोगों की तलाश जारी

प्रशासन ने पुष्टि की है कि घटना के बाद से दो लोग लापता हैं, जिनकी तलाश युद्धस्तर पर की जा रही है। एसडीआरएफ की गोताखोर टीमें भी राहत कार्य में शामिल हो चुकी हैं और मलबे के नीचे दबे किसी भी संभावित व्यक्ति की खोज कर रही हैं। हालांकि, अब तक किसी मौत की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन क्षेत्र में स्थिति अभी भी संवेदनशील बनी हुई है।

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सहस्त्रधारा में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक

सहस्त्रधारा देहरादून का प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां सालभर हजारों सैलानी आते हैं। हादसे के बाद प्रशासन ने पर्यटकों की आवाजाही पर अस्थायी रोक लगा दी है। पुलिस और प्रशासनिक अमले ने आसपास के क्षेत्रों की नाकेबंदी कर दी है और लोगों को असुरक्षित स्थानों से हटाया जा रहा है।

भारी नुकसान, दुकानदारों का रो-रोकर बुरा हाल

घटना में स्थानीय व्यापारियों को खासा नुकसान हुआ है। बाजार की कई दुकानें पानी और मलबे में बह गई हैं। स्थानीय दुकानदार रातभर अपनी दुकानों का बचा हुआ सामान निकालते नजर आए। प्रशासन ने नुकसान के आकलन के लिए विशेष टीम गठित की है, जो हर प्रभावित दुकानदार और निवासी का विवरण एकत्र कर रही है।

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बादल फटने की घटनाएं लगातार बढ़ रहीं

उत्तराखंड में इस साल बादल फटने की घटनाओं में इजाफा देखा गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह जलवायु परिवर्तन और बेतरतीब विकास का परिणाम है। सहस्त्रधारा जैसे पहाड़ी और संकरी घाटियों वाले क्षेत्रों में भारी वर्षा से अचानक आई बाढ़ से जान-माल का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

हाई रिस्क एरिया में निगरानी बढ़ी

जिला प्रशासन ने सहस्त्रधारा और आसपास के संवेदनशील इलाकों को हाई रिस्क जोन घोषित किया है और निगरानी के लिए विशेष टीमें तैनात कर दी हैं। ड्रोन की मदद से भी इलाके की निगरानी की जा रही है ताकि लापता लोगों की खोज में तेजी लाई जा सके और किसी अन्य खतरे का समय रहते आकलन किया जा सके।

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