Uttarkashi Flood: धराली गांव में तबाही की तस्वीरें सामने आईं, ISRO ने सैटेलाइट से किया बड़ा खुलासा

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में आई विनाशकारी बाढ़ की ISRO की सैटेलाइट तस्वीरों ने भयावह स्थिति को सामने ला दिया है। वैज्ञानिक बाढ़ की असली वजह की जांच में जुटे हैं, वहीं राहत और बचाव कार्य तेज़ी से चल रहे हैं।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 8 August 2025, 2:22 PM IST
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Uttarakhand: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हाल ही में आई भीषण बाढ़ ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस प्राकृतिक आपदा से सबसे ज़्यादा प्रभावित धराली गांव की स्थिति अब ISRO की हाई-रिज़ोल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से सामने आई हैइसरो के कार्टोसैट-2एस उपग्रह ने 7 अगस्त को जो दृश्य दर्ज किए, वे इस क्षेत्र में आई तबाही की भयावहता को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं।

बाढ़ से पहले वाली तस्वीरों से तुलना

ISRO के राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (NRSC) ने 7 अगस्त को ली गई तस्वीरों की तुलना 13 जून की साफ मौसम वाली तस्वीरों से की। इस तुलना से स्पष्ट हुआ कि खीरगाड़ धारा और भागीरथी नदी के संगम पर भारी मात्रा में मलबा जमा हो गया है। करीब 20 हेक्टेयर क्षेत्र (750 मीटर लंबा और 450 मीटर चौड़ा) पूरी तरह तबाह हो चुका है। बाढ़ के बाद नदी की दिशा में भी बदलाव देखा गया, जिससे पुल, सड़कें और मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।

बाढ़ की तीव्रता का अंदाजा

इन तस्वीरों के जरिए यह भी पता चला कि कई इमारतें या तो मलबे में दब चुकी हैं या पूरी तरह बह गई हैं। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बाढ़ की तीव्रता कितनी अधिक रही होगी। ये सैटेलाइट इमेज वर्तमान में चल रहे खोज और राहत अभियानों में काफी मददगार साबित हो रही हैं।

बाढ़ की असली वजह को लेकर कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं

बाढ़ की असल वजह को लेकर वैज्ञानिक अब भी जांच कर रहे हैं। प्रारंभिक आशंका बादल फटने की जताई जा रही थी, लेकिन अभी तक इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है। इसी बीच, उत्तर प्रदेश की एक भू-अवलोकन और डेटा विश्लेषण कंपनी सुहोरा टेक्नोलॉजीज ने भी अपनी रिपोर्ट जारी की है। उनके अनुसार यह आपदा किसी ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) से नहीं हुई है, क्योंकि प्रभावित क्षेत्र के ऊपरी हिस्सों में कोई ग्लेशियर झील मौजूद नहीं थी।

सुहोरा टेक्नोलॉजीज ने सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) तकनीक के माध्यम से 5 अगस्त की रात को लगभग वास्तविक समय में बाढ़ की निगरानी की। इससे समय पर जानकारी मिली और बचाव कार्यों में तेजी लाई जा सकी। धराली और हरसिल जैसे शांत और सुंदर गांव इस आपदा की चपेट में आ गए हैं।

अब तक 6 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और कई अभी भी लापता हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि 11 अगस्त तक भारी बारिश की संभावना बनी हुई है, जिससे राहत कार्यों में रुकावट आ सकती है। सरकार, आपदा प्रबंधन एजेंसियां और स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हुए हैं, लेकिन खराब मौसम के कारण उन्हें लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

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  • Uttarakhand

Published : 
  • 8 August 2025, 2:22 PM IST