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उत्तराखंड में दिसंबर आधा बीतने के बावजूद बारिश-बर्फबारी नहीं हुई है। इससे फसलें सूखने लगी हैं और किसानों की चिंता बढ़ी है। मैदानी इलाकों में कोहरा व खराब AQI ने हालात बिगाड़े हैं। 20-21 दिसंबर को हल्की बारिश-बर्फबारी की संभावना है।
उत्तराखंड में बदला मौसम (सोर्स- गूगल)
Dehradun: उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के पहाड़ी जिलों में बीते कई दिनों से सर्द हवाएं चल रही हैं, जबकि मैदानी क्षेत्रों में ठंड के साथ-साथ कोहरे और खराब वायु गुणवत्ता ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। राज्य में लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण कृषि क्षेत्र पर इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, नमी की कमी के चलते रबी फसलों के सूखने का खतरा बढ़ गया है, जिससे किसानों की चिंता लगातार गहराती जा रही है।
आमतौर पर उत्तराखंड में नवंबर और दिसंबर के महीनों में बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होती रही है। यह बारिश फसलों के लिए वरदान साबित होती थी और जलस्रोतों को भी रिचार्ज करती थी। लेकिन इस साल मौसम का मिजाज बदला हुआ नजर आ रहा है। दिसंबर का आधे से ज्यादा समय गुजर चुका है, बावजूद इसके अब तक राज्य में व्यापक बारिश नहीं हुई है। इससे न केवल खेती प्रभावित हो रही है, बल्कि जंगलों में आग की आशंका भी बढ़ने लगी है।
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मौसम विभाग के अनुसार, 20 दिसंबर से पश्चिमी विक्षोभ का आंशिक असर राज्य में देखने को मिल सकता है। इसके चलते उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों में कहीं-कहीं बहुत हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। लगभग 3500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ गिर सकती है। हालांकि राज्य के अधिकांश जिलों में मौसम शुष्क बने रहने का अनुमान है।
20 दिसंबर से हल्की राहत की उम्मीद (सोर्स- गूगल)
मैदानी जिलों की बात करें तो देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर, नैनीताल, चंपावत और पौड़ी के निचले इलाकों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। उधम सिंह नगर और हरिद्वार में कहीं-कहीं शीत दिवस जैसी स्थिति भी बन सकती है। कोहरे के कारण सड़क यातायात के साथ-साथ रेल और हवाई सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं। देहरादून हवाई अड्डे पर दृश्यता कम होने के चलते दिल्ली की एक उड़ान को चंडीगढ़ डायवर्ट करना पड़ा, जबकि जयपुर से आने वाली एक फ्लाइट रद्द कर दी गई। अन्य उड़ानें भी देरी से पहुंच रही हैं।
कोहरे के साथ खराब होती वायु गुणवत्ता ने मैदानी क्षेत्रों में स्थिति और गंभीर बना दी है। देहरादून में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंच गया है, जिससे सांस के मरीजों और बुजुर्गों को विशेष दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बारिश न होने के कारण हवा में धूल के कण बने हुए हैं, जो प्रदूषण को और बढ़ा रहे हैं।
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तापमान की बात करें तो पहाड़ी इलाकों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से कुछ अधिक बना हुआ है, जबकि मैदानी जिलों में पहाड़ों से ज्यादा ठंड महसूस की जा रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, बीते दिन देहरादून का अधिकतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 7.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पंतनगर में अधिकतम तापमान 14.3 और न्यूनतम 6.8 डिग्री सेल्सियस रहा। मुक्तेश्वर में न्यूनतम तापमान 6.3 डिग्री और नई टिहरी में 5.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।