

उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता कानून को और सख्त बनाने के लिए कैबिनेट ने कई प्रावधानों में संशोधन की मंजूरी दे दी है। अब इस कानून में अधिकतम सजा और जुर्माने की राशि को भी बढ़ा दिया गया है।
धर्मांतरण बना संज्ञेय अपराध Image (Internet)
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने अवैध धर्मांतरण पर कड़ी कार्रवाई करने के उद्देश्य से उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में पारित इस संशोधन में ऐसे मामलों में सख्त सजा और कड़े जुर्माने के प्रावधान जोड़े गए हैं। इसमें गंभीर मामलों में आजीवन कारावास और भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है।
सरकार का मानना है कि किसी भी व्यक्ति को लालच, दबाव या छल के माध्यम से धर्म परिवर्तन करने के लिए प्रेरित करना न केवल धार्मिक स्वतंत्रता का हनन है, बल्कि सामाजिक सौहार्द के लिए भी खतरा है। नए कानून के तहत, ऐसे अपराध को संज्ञेय और गैर-जमानती श्रेणी में रखा गया है, जिससे पुलिस सीधे कार्रवाई कर सकेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि राज्य में किसी भी प्रकार के अवैध धर्मांतरण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करते हुए उन्हें सजा दी जाएगी। सरकार का यह कदम धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने और सामाजिक एकता बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
संशोधन में यह भी जोड़ा गया है कि यदि कोई व्यक्ति आर्थिक लाभ, नौकरी, विवाह या अन्य किसी प्रकार के प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करवाता है, तो उस पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और दोषी पाए जाने पर उसे लंबी सजा भुगतनी होगी। गंभीर मामलों में आजीवन कारावास तक का प्रावधान सुनिश्चित किया गया है, जबकि अन्य मामलों में भी सजा की अवधि और जुर्माने की राशि को बढ़ाया गया है।
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कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अब बिना वारंट के भी गिरफ्तारी संभव होगी। इससे पुलिस को त्वरित और प्रभावी कार्रवाई का अधिकार मिलेगा। सरकार का मानना है कि यह कानून न केवल धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करेगा बल्कि राज्य में सौहार्द और भाईचारे को भी मजबूत करेगा।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है और यहां की सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासत को किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होने दिया जाएगा। नए कानून के लागू होने के बाद राज्य में अवैध धर्मांतरण के मामलों पर नकेल कसने में बड़ी मदद मिलेगी और दोषियों को कठोर सजा देकर मिसाल कायम की जाएगी।