

महज नाम किसी व्यक्ति की पहचान नहीं होती, बल्कि उसका समाज, शहर और गांव भी उसकी पहचान का प्रतीक होता है। लेकिन जब कोई नाम ही खराब हो तो पहचान का अस्तित्व संकट में पड़ जाता है। ऐसा ही एक दिलचस्प मामला सामने आया है, जब सदियों बाद ग्रामीणों को नई पहचान मिली। पढ़ें एक्सक्लूसिव स्टोरी
पिथौरागढ़ के खूनी गांव को मिला नया नाम
देहरादून/पिथौरागढ़: नदियों, पहाड़ों और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर उत्तराखंड कई किस्से और कहानियों के लिये भी मशहूर है। देवभूमि के रूप में पहचाने जाने वाले उत्तराखंड से एक दिलचस्प मामला सामने आया है। यह मामला उत्तराखंड के एक गांव से जुड़ा है, जहां के लोग सदियों से एक नई पहचान के लिये तरस रहे थे। आलम यह था कि अक्सर गांव से प्रेम करने वाले लोग अपने ही गांव के नाम से परेशान थे और पहचान के संकट से जूझ रहे थे। लेकिन अब लंबी लड़ाई के बाद ग्रामीणों के नई पहचान मिल गई है।
खूबसूरत गांव का अटपटा नाम
यह पूरा मामला है उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ का। पिथौरागढ़ जनपद मुख्यालय से लगभग दस किलोमीटर की दूरी पर एक गांव है। इस गांव की बसावट आसपास के अन्य गांवों की तरह ही बेहद खूबसूरत है लेकिन इसका नाम बेहद अटपटा और कुख्यात है। गांव का नाम पढ़ने, लिखने या किसी को बताने में भी यहां के लोग अक्सर बेहद असहज हो जाया करते थे। यही इस गांव की सदियों से चली आ रही एक परेशानी थी।
गांव का नाम जानकर आप भी चौंक जाएंगे। इस गांव का नाम था ‘खूनी गांव’। इस गांव के लोग लंबे समय से इस गांव का नाम बदलने की मांग कर रहे थे और आखिरकार लंबी लड़ाई के बाद ग्रामीणों की मांग पूरी हुई और इस गांव का नाम ‘खूनी गांव’ से बदलकर मंगलवार शाम को देवी ग्राम कर दिया गया। देवी ग्राम अर्थात देवियों का गांव।
नया नाम मिलने से लोगों में खुशी की लहर
गांव के नाम बदलने से यहां के ग्रामीणों में खुशी की लहर है। बुधवार की सुबह इस गांव के ग्रामीणों के लिये एक नया सवेरा साबित हुआ। गांव वालों का कहना है कि अब उनके गांव का नाम जन भावनाओं के अनुरूप सही हुआ है, वे सदियों से अपने गांव का नाम बताने से कतराते थे।
गांव का नाम बदलने के लिये ग्रामीणों को लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी। उन्होंने एकजुट होकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर सांसद अजय टम्टा समेत अन्य जनप्रतिनिधियों और शासन से गुहार लगाई। एक लंबी प्रक्रिया के बाद उत्तराखंड सरकार ने इस ‘खूनी’ गांव का नाम बदलकर देवी ग्राम करने की अधिसूचना जारी कर दी है। गांव का नाम बदलने के बाद ग्रामीणों ने केंद्रीय राज्य मंत्री और प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है।