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करीब एक सप्ताह की खींचतान के बाद उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। आज नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है।
उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025
नैनीताल : करीब एक सप्ताह की खींचतान के बाद उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। आज नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है। शुक्रवार को नैनीताल हाईकोर्ट में सरकार की ओर से पेश आरक्षण रोस्टर और अन्य दस्तावेजों पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने पंचायत चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ाने पर सहमति जताई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, आपको बता दें कि 21 जून को पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद 23 जून को हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी और सरकार से आरक्षण समेत कई बिंदुओं पर जवाब मांगा था और चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। राज्य में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर आज उत्तराखंड हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को अंतरिम राहत देते हुए पंचायत चुनाव कराने की अनुमति दे दी है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि पंचायत चुनाव की पूरी तैयारियां कर ली गई हैं और कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया है। वहीं याचिकाकर्ताओं ने कुछ तकनीकी और संवैधानिक मुद्दे उठाए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फिलहाल चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और स्पष्ट किया कि चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकता है।
हाईकोर्ट के इस फैसले से जहां सरकार को बड़ी राहत मिली है। वहीं राज्य चुनाव आयोग के लिए औपचारिक रूप से चुनाव कार्यक्रम घोषित करने का रास्ता भी साफ हो गया है। इस फैसले को राज्य के ग्रामीण इलाकों में पंचायती व्यवस्था को समय पर लागू करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
बता दें कि 23 जून 2025 को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जी नरेंद्र और जस्टिस आलोक मेहरा की खंडपीठ ने चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी, क्योंकि सरकार ने आरक्षण की नई रोटेशन प्रणाली के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं किया था। कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था और कहा था कि जब मामला कोर्ट में लंबित था तो चुनाव की तारीखों का ऐलान कैसे कर दिया गया? याचिकाकर्ता गणेश दत्त कांडपाल ने दलील दी कि पुरानी रोटेशन नीति में तीन कार्यकाल के बाद सीटें बदल जाती थीं। लेकिन सरकार ने इसे रद्द कर दिया और चौथे कार्यकाल के लिए भी कुछ सीटें आरक्षित कर दीं, यह 'रोटेशन के मूल सिद्धांत' के खिलाफ है।
राज्य सरकार ने कहा कि गजट नोटिफिकेशन 14 जून 2025 को हो गया था लेकिन कम्युनिकेशन गैप के कारण कोर्ट को समय पर जानकारी नहीं मिल पाई लेकिन आज कोर्ट ने पंचायत चुनाव का रास्ता साफ कर दिया है।