Uttarakhand: पथरी के इलाज पर आया नया शोध, जानिए इस दाल में छुपा है इसका अचूक इलाज

जीबी पंत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान घुड़दौड़ी की बायोटेक विशेषज्ञ डॉ. ममता बौठियाल ने अपनी टीम के साथ एक शोध में पथरी की कारगर औषधि का पता लगाया है।

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 4 October 2025, 7:17 PM IST
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Pauri: उत्तराखंड समेत विभिन्न प्रांतों में उगाई जाने वाली गहत की दाल न केवल स्वादिष्ट और पौष्टिक है बल्कि अब वैज्ञानिक रूप से इलाज के लिए भी यह एक कारगर औषधि सिद्ध हुई है। पौड़ी स्थित जीबी पंत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान घुड़दौड़ी की बायोटेक विशेषज्ञ और डीन आरएंडडी डॉ. ममता बीठियाल ने अपनी टीम के इस महत्त्वपूर्ण शोध किया है।

उन्होंने इसको प्रतिष्ठित इफ अंतरराष्ट्रीय जर्नल रिसर्च जर्नल फार्माकॉग्नोसी फाइटो कैमिस्ट्री (आरजेपीपी) और इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एडवांस्ड रिसर्च (आईजेएआर) में प्रकाशित किया। यह शोध गहत दाल पर किया गया।

डॉ. बौठियाल के शोध से यह प्रमाणित हुआ है कि गहत की दाल गुर्दे की पथरी की अचूक दवा है। उन्होंने गहत के बीज और पत्तियों एंड के अर्क (रस) का उपयोग करके दिखाया कि यह न केवल पथरी को घुलाने (विघटन), करने बल्कि उसे बनने से रोकने और पेशाब से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने में भी मदद कर सकती है।

बायोटेक विशेषज्ञ और डीन आरएंडडी डॉ. ममता बीठियाल

डॉ. बौठियाल ने बताया कि यह दाल प्राचीन काल से उपयोग में लाई जा रही है। इसमें प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और फाइबर जैसे कई जरूरी पोषक तत्व और जैवसक्रिय यौगिक मौजूद हैं।

किसानों के लिए मुनाफे का नया रास्ता

उन्होंने कहा कि गहत की दाल का इस्तेमाल उत्तराखंड में पारंपरिक रूप से दाल, पराठा, फाणू और पकौड़ी बनाने में होता है। डॉ. बौठियाल का मानना है कि इस वैज्ञानिक प्रमाणन के बाद, गहत केवल एक भोजन नहीं रहीं, बल्कि एक न्यूट्रास्यूटिकल फसल (आहार औषधि) बन गई है।

इससे किसानों को गुर्दे के रोगों में इसके उपयोग के कारण आर्थिक लाभ कमाने की अपार संभावनाएं मिलेंगी। यह खोज पारंपरिक पहाड़ी आहार को आधुनिक विज्ञान से मजबूती से जोड़ती है।

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इस दाल का सेवन पहाड़ी क्षेत्रों में सर्दियों के समय किया जाता है, क्योंकि इस दाल की तासीर गर्म होती है। सर्दी-जुकाम को ठीक करने में ये दाल मदद करती है।

सर्दी-जुकाम को ठीक करने वाली दाल
गढ़वाल विश्विद्यालय के शोधकर्ता डॉ. जयदेव चौहान ने लोकल 18 को बताया कि गहत दाल (मैक्रोटिलोमा यूनिफ्लोरम) का सेवन अधिकतर सर्दियों में किया जाता है. इस दाल की तासीर गर्म होती है और सर्दी-जुकाम में पारंपरिक तौर पर इस दाल का सेवन किया जाता है। गहत सर्दी-जुकाम में काफी हद तक राहत देती है।

Location : 
  • Pauri

Published : 
  • 4 October 2025, 7:17 PM IST