उत्तराखंड: हाईकोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर लगी रोक को हटाया, दिया ये निर्देश

नैनीताल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा फैसरा सुनाया है।

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 27 June 2025, 2:30 PM IST
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देहरादून: उत्‍तराखंड सरकार को शुक्रवार को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर लगी रोक को हटा दिया है। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में सुनवाई के बाद ने चुनाव प्रक्रिया पर लगी रोक हटा दी है। जिससे अब चुनाव जुलाई में ही संपन्न होगें।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार कोर्ट ने जहां चुनाव पर लगी रोक हटाई तो वहीं राज्य निर्वाचन आयोग से पूर्व में जारी चुनाव कार्यक्रम को तीन दिन आगे बढ़ाते हुए चुनाव कार्यक्रम जारी करने को कहा।

इसके अलावा उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार को याचिकाकर्ताओं की ओर से उठाए गए मुद्दों पर तीन हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी प्रत्याशी को इसमें आपत्ति है तो वह कोर्ट में अपना पक्ष रख सकता है।आज हुई सुनवाई में ब्लॉक प्रमुख सीटों का आरक्षण निर्धारित करने व जिला पंचायत अध्यक्ष सीटों का आरक्षण निर्धारित न करने पर भी गंभीर सवाल उठाए गए।

एक याची ने कोर्ट को बताया कि देहरादून के डोईवाला ब्लॉक में ग्राम प्रधानों के 63 फीसदी सीटें आरक्षित की गई हैं । शुक्रवार को मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खण्डपीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं की ओर से आरक्षण रोस्टर में कई सीटों के लंबे समय से एक ही वर्ग को प्रतिनिधित्व मिलने का उल्लेख करते हुए इसे संविधान के अनुच्छेद 243 व सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय समय पर दिए आदेशों के खिलाफ बताया।

गौरतलब है कि बागेश्वर निवासी गणेश कांडपाल सहित अन्य ने याचिका दायर कर राज्य सरकार की ओर से 9 जून व 11 जून को जारी नियमावली व परिपत्र को याचिकाओं के माध्यम से चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि सरकार ने इस नियमावली में राज्य में अब तक के आरक्षण रोस्टर को शून्य घोषित कर दिया था और आरक्षण का नया रोस्टर जारी कर उसे पहली बार वर्तमान चुनाव से लागू माना।

याचिकाकर्ता के मुताबिक एक तरफ सरकार का यह नियम कोर्ट के पूर्व में जारी आदेश के विरुद्ध है और दूसरा पंचायती राज अधिनियम 2016 की धारा-126 के अनुसार कोई भी नियम तभी प्रभावी माना जायेगा जब उसका सरकारी गजट में प्रकाशन होगा।

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