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सरकार ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में 287 नए चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू होने जा रही है। पढ़ें पूरी खबर
स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगा बड़ा संजीवनी डोज
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में 287 नए चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू होने जा रही है। इस संबंध में विभाग के मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की मंजूरी के बाद शासन ने उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को सीधी भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
भर्ती प्रक्रिया के तहत 231 पद सामान्य सीधी भर्ती के होंगे, जबकि 56 पद बैकलॉग श्रेणी के अंतर्गत भरे जाएंगे। चयन बोर्ड को भेजे गए प्रस्ताव में यह स्पष्ट किया गया है कि अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 42 वर्ष निर्धारित की गई है। भर्ती विज्ञापन में यह आयु सीमा वर्ष विशेष की 1 जुलाई की तिथि के आधार पर तय की जाएगी। शासन ने निर्देश दिया है कि चयन बोर्ड शीघ्र ही विज्ञापन जारी कर भर्ती की औपचारिक प्रक्रिया शुरू करे।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राज्य सरकार लगातार अस्पतालों में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ की कमी दूर करने के लिए लगातार भर्ती अभियान चला रही है। मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाना सरकार की प्राथमिकता है।
उन्होंने बताया कि बीते दो महीनों में चयन बोर्ड के माध्यम से प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग में 220 डॉक्टरों की नियुक्ति पहले ही की जा चुकी है। ये डॉक्टर राज्य के दुर्गम स्वास्थ्य केंद्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
डॉ. रावत ने कहा कि नई भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद विभाग को 287 और डॉक्टर मिल जाएंगे, जिससे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को नई गति और मजबूती मिलेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाएं देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल होंगी।
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राज्य सरकार का यह कदम जहां स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करेगा, वहीं युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा। पर्वतीय राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में यह पहल एक महत्वपूर्ण संजीवनी डोज साबित होगी।