

नैनीताल हाईकोर्ट से बुधवार को एलटी शिक्षकों के लिए राहत की खबर सामने आयी है। कोर्ट ने सहायक अध्यापक एलटी में चयनित अभ्यर्थियों को विभागीय नियुक्ति पत्र देने पर लगी रोक हटा दी है। जिससे मई 2025 से नौकरी की बाट जोह रहे चयनित अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है।
नैनीताल हाईकोर्ट का फैसला
Nainital: नैनीताल हाईकोर्ट ने एलटी के 1352 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पर लगी रोक हटा दी है और चयन प्रक्रिया जारी रखने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद शिक्षकों को काफी राहत मिली है। यह फैसला अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा से संबंधित है।
कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण से जुड़े एक मामले को खारिज किया और चार पदों को रिक्त रखने के निर्देश दिए। यह फैसला अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा से संबंधित है।
कोर्ट के आदेश के बाद चयनित अभ्यर्थियों को दीपावली से पहले बड़ा तोहफा मिल गया है। कोर्ट ने ओबीसी अभ्यर्थी से संबंधित क्षैतिज आरक्षण से संबंधी एक मामले को खारिज कर दिया है जबकि चार अन्य मामलों में चयनित अभ्यर्थियों को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने चार पदों को रिक्त रखने के भी निर्देश भी दिए हैं।
न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार सुषमा रानी सहित अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें याचिकाकर्ता ने याचिका दायर कर कहा था कि उसका ओबीसी के सर्टिफिकेट को आधार नहीं मान रहे थे। जिसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता के लिए एक पद रिक्त रखने के निर्देश देते हुए चयन प्रक्रिया जारी रखने को कहा है।
दरअसल उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से 18 अगस्त 2024 को एलटी सहायक अध्यापक पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की गई। इसके बाद आयोग की ओर से चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की 13 जनवरी से 28 जनवरी तक जांच की गई।
आयोग की ओर से कुल 1544 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था। इस मामले में उत्तर कुंजी में दिए गए जवाबों का मामला भी कोर्ट पहुंचा था, जो निस्तारित हो गया है। इसके बाद ओबीसी व क्षैतिज आरक्षण से संबंधित मामला विचाराधीन था।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट के समक्ष प्रस्ताव रखा कि विवादित मामलों को छोड़कर अन्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने पर लगी रोक हटाई जाए। महाधिवक्ता ने कहा शिक्षकों की कमी से पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है।
दिसंबर जैसी ठंड से अक्टूबर में ही ठिठुरने लगे नैनीतालवासी, बारिश और बर्फबारी ने बढ़ाई ठंड
एकलपीठ के समक्ष महाधिवक्ता के साथ ही उप महाधिवक्ता गणेश कांडपाल व अन्य सरकारी अधिवक्ताओं ने बहस की।