

विकासनगर पंचायत सीट शेरपुर की प्रत्याशी रूपाली ने चुनाव परिणाम में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह 12,000 वोटों से आगे थीं, लेकिन अचानक हार घोषित कर दी गई। प्रशासन से पुनः मतगणना की मांग करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, अब वह उच्च न्यायालय जाएंगी।
शेरपुर की प्रत्याशी ने हाई कोर्ट में जाने की दी चेतावनी
Dehradun: विकासनगर पंचायत सीट शेरपुर की प्रत्याशी रूपाली ने चुनाव परिणाम में धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग पर मिली भगत का आरोप लगाया है। रूपाली का कहना है कि चुनाव परिणाम में उनके साथ अनियमितता की गई और जानबूझकर उन्हें हराया गया।
उनके अनुसार, वह चुनाव में लगभग 1200 वोटों से आगे चल रही थीं और उनकी जीत की घोषणा भी कर दी गई थी, लेकिन बाद में अचानक उनके हारने की घोषणा कर दी गई। रूपाली ने प्रशासन और निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पूरी प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई है।
जीत की घोषणा के बाद हार की स्थिति पर सवाल
रूपाली ने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान उन्हें सही तरीके से मतगणना में बढ़त मिल रही थी और यह स्पष्ट था कि वह शेरपुर पंचायत सीट पर विजयी घोषित होने वाली थीं। उन्होंने बताया कि परिणाम की घोषणा के समय भी यह घोषणा की गई थी कि वह जिला पंचायत सीट शेरपुर से जीत चुकी हैं।
शेरपुर की प्रत्याशी रूपाली
लेकिन इसके कुछ समय बाद परिणाम में बदलाव किया गया और उन्हें हार दिखा दी गई। रूपाली ने कहा कि इस प्रकार की गड़बड़ी से लोकतंत्र की मर्यादा को ठेस पहुंची है और यह प्रक्रिया पूरी तरह से असंवैधानिक और धोखाधड़ी से भरी हुई है।
प्रशासन से की पुनः मतगणना की मांग
रूपाली ने प्रशासन से तुरंत पुनः मतगणना की मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने उनकी एक नहीं सुनी। इसके बाद, उन्होंने जिलाधिकारी देहरादून कार्यालय जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराई और अपनी फरियाद जिला अधिकारी के समक्ष रखी। हालांकि, जिलाधिकारी कार्यालय से भी उन्हें कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिला, जिसके बाद रूपाली ने फैसला लिया कि वह उच्च न्यायालय में अपील करेंगी और न्याय की लड़ाई लड़ेंगी।
रूपाली का उच्च न्यायालय जाने का निर्णय
रूपाली ने अपनी बात को सामने रखते हुए कहा कि यदि प्रशासन और निर्वाचन आयोग इस मामले में न्याय नहीं दिलवाता, तो वह उच्च न्यायालय का रुख करेंगी। उन्होंने कहा कि यह चुनावी प्रक्रिया में धोखाधड़ी की कहानी है और वह अपनी जीत को पुनः प्रमाणित करने के लिए कानूनी कदम उठाएंगी। रूपाली का मानना है कि न्याय के लिए उन्हें उच्च न्यायालय से ही उम्मीद है, क्योंकि उनकी जीत को जानबूझकर दरकिनार किया गया है।