बीमार को लेने निकली 108 एम्बुलेंस खुद हो गई बीमार, बाल-बाल बची जिंदगी, रखरखाव पर उठे सवाल

रुद्रप्रयाग में 108 एम्बुलेंस मरीज को लेने जाते समय रूद्रा बैण्ड पर हादसे का शिकार हो गई। गाड़ी का टायर और रिम टूट गया। गनीमत रही कि बड़ी दुर्घटना टल गई। एम्बुलेंस के रखरखाव पर सवाल खड़े हो गए हैं।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 9 September 2025, 11:12 AM IST
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Rudraprayag: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में मंगलवार सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया जब मरीज को लेने जा रही 108 एम्बुलेंस खुद ही रास्ते में हादसे का शिकार हो गई। रुद्रप्रयाग मुख्यालय से मात्र 100 मीटर की दूरी पर स्थित रूद्रा बैण्ड में यह एम्बुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

बता दें कि सुबह 9 बजे के आसपास इस घटना से वहां मौजूद अन्य वाहन चालकों में हड़कंप मच गया। संकरे मोड़ पर एम्बुलेंस का टायर और रिम एकदम से टूट गया जिससे गाड़ी असंतुलित हो गई। यदि उस जगह पर गाड़ी गहरी खाई की ओर फिसलती, तो बड़ा हादसा तय था।

टूट गया टायर, फट गया रिम- हादसा टला

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, एम्बुलेंस का अगला टायर एकदम से फट गया और रिम पूरी तरह से तिरछा हो गया। इससे गाड़ी अचानक सड़क के किनारे झुक गई। लेकिन चालक की सूझबूझ और किस्मत के चलते गाड़ी सड़क पर ही रुक गई और खाई में गिरने से बच गई। गाड़ी में चालक आलोक और एक फार्मासिस्ट मौजूद थे, जो खांकरा गांव से एक मरीज को लेने जा रहे थे।

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गाड़ियों की हालत चिंताजनक, रखरखाव पर बड़ा सवाल

इस घटना ने 108 एम्बुलेंस सेवा की वास्तविक स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह कोई पहला मामला नहीं है जब 108 एम्बुलेंस सेवा से जुड़ी किसी गाड़ी में तकनीकी खराबी आई हो। कई बार टायर घिसे होते हैं, टूल्स नहीं होते, ब्रेक सही नहीं होते या डीज़ल खत्म हो जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि 108 सेवा की गाड़ियाँ इतनी जर्जर हालत में हैं कि खुद किसी भी वक्त इलाज की मोहताज हो सकती हैं। आम जनता की जान बचाने वाली ये गाड़ियाँ खुद जानलेवा साबित हो रही हैं।

प्रत्यक्षदर्शी बोले- रखरखाव भगवान भरोसे

घटना के वक्त अपनी गाड़ी को एक्सीडेंट से बचाने वाले अमित नामक वाहन चालक ने बताया कि हादसा हुए एक घंटा बीत चुका है लेकिन न कोई अधिकारी आया, न कोई रेस्क्यू। अगर ये घटना किसी और जगह होती तो बड़ी जान-माल की हानि हो सकती थी। सरकार इन एम्बुलेंस की गाड़ियों की नियमित जांच और मेंटेनेंस कराए।

चालक की सूझबूझ से टला हादसा

108 गाड़ी के चालक आलोक ने बताया कि गाड़ी रुद्रप्रयाग से खांकरा की ओर एक मरीज को लेने जा रही थी। रास्ते में अचानक टायर फट गया और गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया। गनीमत रही कि जगह सीधी थी, अगर मोड़ या खाई वाला हिस्सा होता, तो आज हम भी जिंदा न होते।

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108 सेवा के पीछे की सच्चाई

उत्तराखंड में 108 एम्बुलेंस सेवा राज्य सरकार और निजी ऑपरेटरों के साझेदारी से संचालित होती है। लेकिन अक्सर बजट की कमी, मेंटेनेंस की अनदेखी और स्टाफ की कमी के चलते यह सेवा चरमरा जाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिस सेवा पर जनता की इमरजेंसी ज़िंदगी टिकी हो, उसकी गाड़ियों की हालत खुद इतनी खराब क्यों है?

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