Haridwar: हरिद्वार में गरमाया सियासी पारा, कांग्रेस का सरकार के 4 साल पर विरोध प्रदर्शन

जनपद में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दौरे के दौरान सियासी पारा उस समय चढ़ गया जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के चार साल के कार्यकाल को लेकर विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की।

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 5 July 2025, 1:00 PM IST
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हरिद्वार: जनपद में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दौरे के दौरान सियासी पारा उस समय चढ़ गया जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के चार साल के कार्यकाल को लेकर विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की। विरोध को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार मुख्यमंत्री धामी शुक्रवार को अपने कार्यकाल के चार वर्ष पूर्ण होने पर "विकास संकल्प पर्व" कार्यक्रम में हिस्सा लेने हरिद्वार पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले हर की पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड पर मां गंगा की विधिवत पूजा-अर्चना की और उसके बाद "नदी उत्सव" का शुभारंभ किया। इसके उपरांत वे ऋषिकुल मैदान पहुंचे, जहां उन्होंने आयोजित जनसभा को संबोधित किया और राज्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाया।

इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ विरोध जताने के लिए चंद्राचार्य चौक पर एकत्र हुए। उन्होंने काली पट्टियां बांधकर प्रदर्शन की तैयारी की और कार्यक्रम स्थल की ओर कूच करने लगे। लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक दिया और प्रदर्शनकारियों को बैठक स्थल से दूर ले जाकर प्रदर्शन करने की अनुमति दी, जिससे किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।

कांग्रेस नेताओं का कहना था कि भाजपा सरकार के चार साल केवल घोषणाओं और जुमलों में बीते हैं, जबकि धरातल पर विकास कार्यों की सच्चाई कुछ और है। उन्होंने बेरोजगारी, महंगाई, स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा और भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाया। वहीं भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि विरोध का मकसद केवल जनता को भ्रमित करना है।

मुख्यमंत्री धामी के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती रही और पूरे कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद रही।

धामी ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार का हर फैसला जनता की भलाई के लिए है और उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प उनके नेतृत्व में मजबूत होता जा रहा है। उन्होंने जल, जंगल और जमीन के संरक्षण को अपनी प्राथमिकता बताया और आने वाले समय में और भी विकास योजनाएं लाने की घोषणा की।

कुल मिलाकर, मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान जहां एक ओर विकास के दावे हुए, वहीं विपक्ष ने इसे केवल दिखावा बताते हुए विरोध प्रदर्शन कर सियासी पारा चढ़ा दिया।

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