

हरिद्वार की बहुचर्चित पंदीप पार्किंग नीलामी घोटाले में सिंचाई विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता आर.के. तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
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हरिद्वार: धामी सरकार ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। हरिद्वार की बहुचर्चित पंदीप पार्किंग नीलामी घोटाले में सिंचाई विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता आर.के. तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई शासन को सौंपी गई सीबीआई की अन्वेषण रिपोर्ट के आधार पर की गई है, जिसमें आर.के. तिवारी को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, हरिद्वार में स्थित पंदीप पार्किंग की नीलामी प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं सामने आई थीं। इस मामले की शिकायतों के बाद राज्य सरकार ने जांच का जिम्मा केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपा था। सीबीआई की विस्तृत जांच में यह स्पष्ट हुआ कि नीलामी में सरकारी नियमों की अनदेखी की गई और आर्थिक अनियमितताएं हुईं। जांच में जुटाए गए साक्ष्यों से यह प्रमाणित हुआ कि आर.के. तिवारी की संलिप्तता इस घोटाले में रही है।
सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि आर.के. तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है और उन्हें कार्यालय मुख्य अभियंता स्तर-2, अल्मोड़ा में सम्बद्ध किया गया है। निलंबन अवधि में वह नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त करेंगे, परंतु किसी भी निर्णयात्मक कार्य में भाग नहीं लेंगे।
यह कार्रवाई राज्य सरकार के उस दृष्टिकोण को स्पष्ट करती है जिसमें जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत किसी भी भ्रष्ट अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले भी स्पष्ट कर चुके हैं कि भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने हाल के वर्षों में भ्रष्टाचार के कई मामलों में कड़े कदम उठाए हैं, जिससे शासन-प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिला है। आर.के. तिवारी का निलंबन इसी नीति की एक और मिसाल है।
बता दें कि सिंचाई विभाग में घोटालों का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी सिंचाई विभाग में भ्रष्टाचार के मामले सामने आ चुके हैं, जिससे साफ पता चलता है कि शासन-प्रशासनप्रशासन यहां पर फेल साबित हो चुका है।