

जनपद के पावन घाटों पर इन दिनों कांवड़ यात्रा का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। भोलेनाथ के जयकारों से गूंजते रास्तों पर श्रद्धा और आस्था के साथ प्रेम की अनोखी कहानी भी देखने को मिली।
हरिद्वार कांवड़ यात्रा
हरिद्वार: जनपद के पावन घाटों पर इन दिनों कांवड़ यात्रा का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। भोलेनाथ के जयकारों से गूंजते रास्तों पर श्रद्धा और आस्था के साथ प्रेम की अनोखी कहानी भी देखने को मिली।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार दिल्ली के नरेला निवासी शिवभक्त राहुल कुमार ने इस बार 121 लीटर गंगाजल की कांवड़ उठाकर सबका ध्यान खींचा। यह उनकी चौथी कांवड़ यात्रा है। इससे पहले वह 101 लीटर गंगाजल लेकर भी यात्रा कर चुके हैं। लेकिन इस यात्रा के पीछे छुपी प्रेरणा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि बेहद भावनात्मक और प्रेरणादायक भी है।
राहुल बताते हैं कि उनकी यह यात्रा किसी मन्नत या संकल्प से जुड़ी है। वे हर साल गंगाजल लेकर भगवान शिव को अर्पित करते हैं ताकि उनकी प्रेमिका अपना सपना पूरा कर सके। राहुल की प्रेमिका फिलहाल इंटर पास कर चुकी हैं और उनका सपना है भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी बनने का।
राहुल ने कहा कि जब तक मेरी प्रेमिका IPS नहीं बन जाती, मैं हर साल कांवड़ लाता रहूंगा और भगवान शिव से उसकी सफलता की प्रार्थना करता रहूंगा।” उन्होंने यह भी कहा कि जब तक उनकी प्रेमिका अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेती, तब तक वे शादी नहीं करेंगे।
उनकी यह आस्था और प्रेम का संकल्प हर शिवभक्त को प्रेरित कर रहा है। भारी वजन के बावजूद राहुल के चेहरे पर थकावट नहीं बल्कि समर्पण और विश्वास की झलक दिखाई दी। उनके इस अनोखे प्रेम और श्रद्धा के संगम ने कांवड़ मेले में एक अलग ही ऊर्जा भर दी है।
कांवड़ यात्रा, जो कि अब तक धार्मिक आस्था का प्रतीक मानी जाती थी, अब प्रेम और समर्पण की मिसाल भी बन रही है। राहुल जैसे श्रद्धालु इस यात्रा को न केवल भक्ति, बल्कि रिश्तों की गहराई से भी जोड़ रहे हैं, जो समाज को नई दिशा दे सकते हैं।
हरिद्वार में कांवड़ मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए एसपी जीआरपी की अध्यक्षता में बैठक हुई। हरिद्वार रेलवे स्टेशन, ऋषिकेश आदि स्टेशनों पर अत्यधिक संख्या में कांवड़ यात्रियों के पहुंचने की संभावना को देखते हुए पूरे क्षेत्र में सुरक्षा के लिहाज से 300 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
कैमरों से मेला क्षेत्र के रेलवे स्टेशनों पर संदिग्धों पर नजर रहेगी। साथ ही सीमावर्ती राज्य व जिलों के मध्य सीमाओं पर आपसी समन्वय बनाते हुए ट्रेनों में सघन चेकिंग अभियान चलाया जाएगा।