

यूपी के गोरखपुर में बुधवार को एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आयी है। विकलांग पेंशन को लेकर छोटे भाई ने गुस्से में आकर अपने ही बड़े भाई की बेरहमी से हत्या कर दी। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।
भाई बना भाई का हत्यारा
Gorakhpur: जनपद के खोराबार थाना क्षेत्र के ग्राम डुमरी टोला बखनिया में बुधवार को हुई एक दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया। विकलांग पेंशन को लेकर चल रहे पारिवारिक विवाद ने उस समय भयावह रूप ले लिया जब छोटे भाई ने गुस्से में आकर अपने ही बड़े भाई की बेरहमी से हत्या कर दी। इस घटना ने न केवल परिवार बल्कि पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान रामनरेश निषाद (45 वर्ष) पुत्र स्व. गजाधर निषाद के रूप में हुई है।
बताया जा रहा है कि रामनरेश का अपने छोटे भाई अमरजीत निषाद से विकलांग पेंशन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। दोनों भाइयों के बीच इस मुद्दे पर कई बार कहासुनी भी हो चुकी थी, लेकिन बुधवार को विवाद ने खूनखराबे का रूप ले लिया।
स्थानीय लोगों के अनुसार, घटना के दिन सुबह दोनों भाइयों में किसी बात को लेकर फिर बहस शुरू हो गई। देखते ही देखते मामला इतना बढ़ गया कि अमरजीत ने गुस्से में आकर पास में रखे धारदार हथियार से रामनरेश पर हमला कर दिया। हमले में रामनरेश गंभीर रूप से घायल हो गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। आसपास के लोगों ने जब शोर सुना तो वे मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुका था।
घटना की सूचना पाकर खोराबार थाना प्रभारी निरीक्षक अपने दल बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। साथ ही आरोपी की तलाश में पुलिस की कई टीमें गठित की गई हैं। क्षेत्र में तनाव की स्थिति को देखते हुए एहतियातन पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला पेंशन के बंटवारे से जुड़ा विवाद प्रतीत होता है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है, जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा।
गांव में हुई इस घटना से मातम पसरा हुआ है। लोग यह सोचने को मजबूर हैं कि मामूली आर्थिक विवाद किस तरह रिश्तों की डोर को तोड़कर खून-खराबे में बदल गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और पूरे क्षेत्र में गम और दहशत का माहौल बना हुआ है।
गोरखपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, इनामी अपराधी की गिरफ्तारी ने खोल दिया बड़ा राज
यह घटना एक बार फिर सोचने पर मजबूर करती है कि आर्थिक विवाद और पारिवारिक कलह कैसे कभी-कभी इंसानियत की सारी सीमाएं लांघ देते हैं।