

हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर मंगलवार सुबह चेतावनी स्तर 293.00 मीटर पर पहुंच गया, जिससे प्रशासन सतर्क हो गया है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सभी विभागों को फील्ड में सक्रिय रहने और बाढ़ चौकियों को 24 घंटे निगरानी में रखने के निर्देश दिए हैं। आपदा प्रबंधन दल और रेस्क्यू टीमें स्टैंडबाय पर हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे नदियों के किनारे न जाएं और केवल आधिकारिक सूचना पर विश्वास करें। स्थिति नियंत्रण में है लेकिन प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है।
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Haridwar News: हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर मंगलवार सुबह चेतावनी स्तर तक पहुंच गया, जिससे जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन इकाइयों में चिंता और सतर्कता का माहौल बन गया है। सुबह 6:00 बजे गंगा का जलस्तर 293.00 मीटर दर्ज किया गया, जो कि चेतावनी सीमा का स्तर है। प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए फील्ड से लेकर कंट्रोल रूम तक अलर्ट मोड पर काम शुरू कर दिया है।
DM मयूर दीक्षित ने संभाला मोर्चा, सभी विभागों को किया सतर्क
हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने स्वयं स्थिति पर नजर रखते हुए जल पुलिस, राजस्व विभाग, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, आपदा प्रबंधन इकाई और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को तत्काल सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, “गंगा का जलस्तर बढ़ना सामान्य बात नहीं है। लगातार हो रही बारिश और पहाड़ों से आ रहे जल प्रवाह के कारण खतरे की संभावना बनी हुई है। ऐसे में सभी विभागों को बिना देरी के सतर्कता और संवेदनशीलता से काम करने की आवश्यकता है।”
24 घंटे निगरानी, बाढ़ चौकियां एक्टिव
जिलाधिकारी के निर्देशानुसार जिले की सभी बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। कर्मचारियों को 24x7 निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। संवेदनशील और निचले इलाकों की पहचान कर वहां अग्रिम तैयारी की जा रही है। सभी विभागों को निर्देशित किया गया है कि फील्ड में रहकर स्थिति पर नजर रखें, न कि केवल कागजी कार्यवाही करें।
स्थानीय जनता से सतर्कता की अपील
प्रशासन ने स्थानीय नागरिकों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों से अपील की है कि नदी किनारे जाने से परहेज करें। गंगा स्नान या धार्मिक आयोजनों के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतें। प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल सरकारी सूचना पर विश्वास करें। बाढ़ संभावित क्षेत्रों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क किया जा रहा है। साथ ही रेस्क्यू टीमों और आपदा प्रबंधन बलों को स्टैंडबाय पर रखा गया है ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल कार्रवाई की जा सके।
स्थिति नियंत्रण में, लेकिन खतरे से इनकार नहीं
प्रशासन का कहना है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन जलस्तर में थोड़ी भी और वृद्धि होने पर राहत एवं बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिए जाएंगे। सभी विभागों को जून से पहले की तैयारियों को जमीन पर उतारने का आदेश दिया गया है।