

हरिद्वार के ज्वालापुर में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्कूली बच्चों ने देशभक्ति गीत गाकर लोगों के मन में देशप्रेम का जज्बा जगा दिया। इस दौरान पूरा स्कूल देशभक्ति के रंग में रंग गया।
हरिद्वार: पूरा देश देशभक्ति के जज्बे से सराबोर है। ज्वालापुर के शेफील्ड स्कूल में 79वां स्वतंत्रता दिवस बड़े हर्षोल्लास और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर पूरे विद्यालय को तिरंगे की थीम से सजाया गया। दीवारों पर स्वतंत्रता सेनानियों के चित्र, रंग-बिरंगे गुब्बारे और छात्रों द्वारा बनाई गई देशभक्ति की झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं।
कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय प्रबंधक श्रीमान अर्जुन सिंह चौहान एवं प्रधानाचार्या श्रीमती प्रियंका दीक्षित द्वारा ध्वजारोहण के साथ हुआ। जैसे ही तिरंगा लहराया, सभी ने एक स्वर में राष्ट्रगान गाया और देश के प्रति सम्मान व्यक्त किया। इसके बाद पूरे प्रांगण में ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के जयघोष गूंज उठे।
बच्चों ने जगाई देशप्रेम की भावना
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत छोटे बच्चों के मनमोहक नृत्य से हुई, जिसमें उन्होंने आज़ादी के गीतों पर अपनी प्रस्तुति दी। कक्षाओं के छात्रों ने स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों की आंखों को नम कर दिया। देशभक्ति गीत, कविताएं और भाषणों ने वातावरण को और भी जोशीला बना दिया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में विद्यालय प्रबंधक अर्जुन सिंह चौहान ने कहा कि हमारी स्वतंत्रता लाखों देशभक्तों के बलिदान का परिणाम है। हमें न केवल उनके बलिदान को याद रखना चाहिए, बल्कि देश की प्रगति में अपना सक्रिय योगदान भी देना चाहिए।
रंगारंग प्रस्तुति देते बच्चे
उन्होंने छात्रों को निष्ठा, अनुशासन और उच्च शिक्षा के महत्व को समझने की प्रेरणा दी।
विद्यालल की प्रधानाचार्या प्रियंका दीक्षित ने अपने वक्तव्य में शिक्षा को राष्ट्र निर्माण की आधारशिला बताया। उन्होंने कहा कि हमारे युवा ही देश का भविष्य हैं। हमें शिक्षा, अनुशासन और सदाचार के पथ पर चलते हुए अपने राष्ट्र को आगे बढ़ाना है।
कार्यक्रम के अंत में स्वतंत्रता सेनानियों को मौन श्रद्धांजलि दी गई और सभी छात्रों को मिठाई वितरित की गई। तिरंगे के नीचे खड़े होकर बच्चों के चेहरों पर दिख रही मुस्कान और आंखों में चमक इस बात का प्रमाण थी कि आज भी स्वतंत्रता दिवस का महत्व उतना ही गहरा है जितना 1947 में था।
यह समारोह देश की एकता, अखंडता और देशभक्ति के संदेश के साथ संपन्न हुआ, और सभी के मन में यह संकल्प जागा कि वे अपने देश को और ऊंचाइयों पर ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।