

हरिद्वार के भगवानपुर नायब तहसीलदार के बयान से शुक्रवार को वकीलों में हंगामा मच गया।
भगवानपुर नायब तहसीलदार के खिलाफ वकीलों का हंगामा
हरिद्वार: भगवानपुर तहसील में शुक्रवार को उस समय भारी हंगामा हो गया जब अधिवक्ता एसोसिएशन ने नायब तहसीलदार अनिल कुमार गुप्ता के कथित वकील विरोधी बयान के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। नाराज अधिवक्ताओं ने तहसील कार्यालय के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया और धरने पर बैठ गए।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार मामला मंगलवार को ब्लॉक सागर में बीडीसी सदस्यों और ग्राम प्रधानों की बैठक के दौरान नायब तहसीलदार द्वारा दिए गए एक बयान से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि बैठक में अनिल कुमार गुप्ता ने कहा था कि "दाखिल-खारिज, डोलबंदी जैसे मामलों में फरियादी वकीलों को फीस न दें और सीधे कर्मचारियों से संपर्क करें।" इस बयान को अधिवक्ताओं ने न केवल अपमानजनक बताया, बल्कि इसे वकील समाज की गरिमा के खिलाफ बताया।
बार एसोसिएशन अध्यक्ष जितेंद्र सैनी के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में जमकर नारेबाजी की और प्रशासन के प्रति तीव्र नाराजगी जाहिर की। अधिवक्ताओं का कहना है कि इस तरह के बयान से न केवल उनकी छवि धूमिल होती है, बल्कि इससे आम जनता में भी भ्रम की स्थिति पैदा होती है। उन्होंने मांग की कि जब तक नायब तहसीलदार अपना बयान सार्वजनिक रूप से वापस नहीं लेते या माफी नहीं मांगते, तब तक उनका धरना जारी रहेगा।
धरने की सूचना मिलते ही तहसीलदार दयाराम मौके पर पहुंचे और अधिवक्ताओं को शांत कराने का प्रयास किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस विषय में वे जिलाधिकारी से वार्ता कर समाधान निकालेंगे।
वकीलों ने तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार का भी मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि पटवारियों ने अपनी निजी एजेंट नियुक्त कर रखे हैं, जो आम जनता से अवैध रूप से धन वसूलते हैं। इस संबंध में अधिवक्ताओं ने उप जिलाधिकारी के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे और नायब तहसीलदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
प्रदर्शन के दौरान वकीलों ने जमकर नारेबाज़ी की और नायब तहसीलदार से बयान वापस लेने की मांग की। अधिवक्ताओं का कहना है कि जब तक अनिल गुप्ता सार्वजनिक रूप से माफ़ी नहीं मांगते और अपना वक्तव्य वापस नहीं लेते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
इस मौके पर बार अध्यक्ष एडवोकेट जितेंद्र सैनी, चौ. अनुभव, अनिल टेकचंद सैनी, हंसराज सैनी, आकिल हसन, आसिम इकबाल, देवांशु कांबोज, शशि कश्यप, प्रदीप कुमार, कपिल धीमान, सचिन चौधरी सहित दर्जनों अधिवक्ता उपस्थित रहे।