

उत्तराखंड़ के देहरादून में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब ट्रांजिट कैंप के औचक निरीक्षण के लिए डीएम पहुंचे। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
औचक निरीक्षण करते डीएम
देहरादून: चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी श्री अपूर्वा बंसल ने शनिवार को ऋषिकेश स्थित ट्रांजिट कैंप का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने यात्रा से जुड़ी तमाम तैयारियों का जायज़ा लिया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं की सुविधा में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, जिलाधिकारी ने साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय, चिकित्सा सुविधा, पार्किंग व्यवस्था, सुरक्षा और मार्गदर्शन केंद्रों की स्थिति को विस्तार से देखा और अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने को कहा कि ट्रांजिट कैंप में आने वाले यात्रियों को किसी तरह की असुविधा न हो और उन्हें आवश्यक जानकारी सरलता से उपलब्ध हो।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। "हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि श्रद्धालुओं को एक सकारात्मक और सुरक्षित अनुभव मिले, जिससे उत्तराखंड की छवि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक सुदृढ़ हो।
निरीक्षण के समय अपर जिलाधिकारी, नगर निगम के अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग, पुलिस प्रशासन और पर्यटन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। सभी विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए गए, ताकि किसी भी आपात स्थिति से समय रहते निपटा जा सके।
जिलाधिकारी ने यात्रियों की सुविधा के लिए डिजिटल सूचना पटल, हेल्प डेस्क और आपातकालीन सेवाओं की तैनाती सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने संबंधित एजेंसियों को निर्देशित किया कि ट्रैफिक प्रबंधन, वाहनों की पार्किंग व्यवस्था और मार्गदर्शन में कोई चूक न हो।
अंत में जिलाधिकारी ने ट्रांजिट कैंप की व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया, लेकिन अधिकारियों को अलर्ट रहने की चेतावनी देते हुए कहा कि यात्रियों की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि को ध्यान में रखते हुए हर सुविधा को समय-समय पर अपडेट और दुरुस्त करते रहें। डीएम ने सभी अधिकारियों को चेतावनी दी कि काम में कोताही ने बरतने सख्त एक्शन लिया जाएगा। यह निरीक्षण यात्रा संचालन की तैयारियों की समीक्षा के साथ-साथ अधिकारियों की सक्रियता परखने का भी माध्यम बना।