

नैनीताल की मालरोड सड़क पिछले आठ साल से स्थाई मरम्मत के इंतजार में है। सड़क पर लगातार दरारें और धंसाव बढ़ते जा रहे हैं जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों में डर का माहौल है। लोक निर्माण विभाग ने 22 सितंबर से स्थाई मरम्मत शुरू करने की योजना बनाई है।
आठ साल से स्थाई मरम्मत के इंतजार में सड़क
नैनीताल: उत्तराखंड के नैनीताल की मालरोड सड़क लगातार खतरे की जद में है। पिछले आठ साल से स्थाई मरम्मत न होने के कारण यह सड़क जगह जगह धंसाव और दरारों से जूझ रही है। हालात यह हैं कि स्थानीय लोगों और पर्यटकों को इस मार्ग पर चलना भी जोखिम भरा लगने लगा है। कभी आईआईटी रुड़की तो कभी टीएचडीसी के विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन कराने के बाद भी समस्या का हल नहीं निकल पाया। लोक निर्माण विभाग समय समय पर कोलतार डालकर दरारें भरता रहा लेकिन यह अस्थायी उपाय अब बेअसर साबित हो चुके हैं।
करीब दस मीटर हिस्से में आधा फीट तक धंसाव
जानकारी के मुताबिक, रविवार को सड़क के करीब दस मीटर हिस्से में आधा फीट तक धंसाव हो गया। विभाग ने फिलहाल कंक्रीट डालकर दरार को भर दिया है लेकिन झील किनारे बनी सुरक्षा दीवारों के खोखले हो जाने से खतरा और बढ़ गया है। विभागीय इंजीनियर रत्नेश कुमार सक्सेना का कहना है कि धंसे हुए क्षेत्र को स्थाई रूप से दुरुस्त करने की तैयारी की जा रही है।
कई जगह मरम्मत की सिफारिश
लोअर मालरोड का इतिहास भी दिलचस्प है। अंग्रेजों के समय इसे पैदल चलने के लिए बनाया गया था और तांगे व रिक्शे अपर मालरोड से होकर ही जाते थे। आजादी के बाद इस मार्ग को सड़क में बदला गया और तब से बढ़ती वाहनों की संख्या और पर्यटन दबाव ने इसे कमजोर कर दिया। झील से लगी पुरानी दीवारें भी धीरे धीरे खोखली हो रही हैं। पिछले साल किए गए सर्वे में कई जगह मरम्मत की सिफारिश हुई थी।
बरसात की वजह से काम शुरू नहीं
2018 में लोअर मालरोड का पच्चीस मीटर हिस्सा झील में समा गया था। तब जियो बैग से अस्थायी दीवार खड़ी कर रास्ता चालू किया गया। 2022 में स्थाई मरम्मत का प्रस्ताव बना और 2023 में तीन करोड़ अड़तालीस लाख का बजट भी स्वीकृत हो गया। लेकिन आठ बार टेंडर प्रक्रिया के बाद भी ठेकेदार नहीं मिला। नौवीं बार ठेका तो हुआ लेकिन पर्यटन सीजन और बरसात की वजह से काम शुरू नहीं हो सका।
सड़क के और बिगड़ने का खतरा
अब विभाग 22 सितंबर से स्थाई मरम्मत शुरू करने की योजना बना रहा है। पहले चरण में माइक्रो पाइलिंग और जरूरी तकनीकी काम किए जाएंगे। झील का जलस्तर कम होने पर सुरक्षा दीवार की मरम्मत भी की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि अभी धंसाव को भर दिया गया है लेकिन सड़क के और बिगड़ने का खतरा बना हुआ है।
लोक निर्माण विभाग ने अपील की
लोगों में चिंता साफ दिख रही है। दरारें और धंसाव न सिर्फ स्थानीय निवासियों बल्कि सैलानियों के लिए भी खतरे की वजह बने हैं। यातायात का दबाव और पुरानी दीवारों की जर्जर हालत स्थिति को और गंभीर बना रही है। लोक निर्माण विभाग ने अपील की है कि लोग संयम बनाए रखें और मरम्मत कार्य में सहयोग दें।
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