

चमोली में दर्दनाक हादसा: पंचायत चुनाव प्रचार के दौरान हवलदार वीरेंद्र सिंह की खाई में गिरकर मौत, गांव में मातम
खाई में गिरकर मौत
चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले से पंचायत चुनाव के बीच एक बेहद दर्दनाक खबर सामने आई है। देवाल ब्लॉक के चौड़ गांव निवासी 12 गढ़वाल राइफल, लैंसडाउन में तैनात 35 वर्षीय हवलदार वीरेंद्र सिंह की खाई में गिरने से मौके पर ही मौत हो गई। वीरेंद्र सिंह इन दिनों पंचायत चुनाव में अपने छोटे भाई हरेंद्र सिंह के प्रचार में सहयोग करने के लिए दस दिन की छुट्टी लेकर घर आए थे। गांव में पंचायत चुनाव की हलचल थी और वीरेंद्र सिंह अपने भाई की जीत के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे थे।
गांव में मचा कोहराम
जानकारी के अनुसार बुधवार की रात करीब साढ़े आठ बजे वीरेंद्र सिंह गांव लौट रहे थे, तभी अचानक उनका पैर फिसल गया और वह गहरी खाई में गिर गए। गिरने के बाद वीरेंद्र को गंभीर चोटें आईं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की खबर सुनते ही गांव में कोहराम मच गया। गांव में खुशी का चुनावी माहौल एकदम से गम में बदल गया। वीरेंद्र सिंह की असामयिक मौत से पूरा चौड़ गांव शोक में डूब गया है।
बेटे की असमय मौत से गहरे सदमे...
वीरेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार शुक्रवार को पूरे सैनिक सम्मान के साथ गांव के श्मशान घाट में किया गया। अंतिम विदाई के दौरान गांव के लोगों की आंखें नम थीं। वीरेंद्र सिंह अपने पीछे पत्नी रेखा देवी, माता पार्वती देवी और पिता भजन सिंह को छोड़ गए हैं, जो बेटे की असमय मौत से गहरे सदमे में हैं। वीरेंद्र सिंह के दो जुड़वा बच्चे प्रतीक और पलक अभी बहुत छोटे हैं, जो अब पिता के साए से हमेशा के लिए वंचित हो गए हैं।
नन्हे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित
वीरेंद्र सिंह की मेहनत और लगन को गांव के लोग हमेशा याद रखेंगे। वीरेंद्र बचपन से ही मेहनती और जुझारू स्वभाव के थे। सेना में भर्ती होकर उन्होंने परिवार और गांव का नाम रोशन किया था। पंचायत चुनाव में भी उनका सक्रिय योगदान था। गांव के लोगों ने सरकार से वीरेंद्र सिंह के परिवार को हर संभव मदद देने की मांग की है ताकि वीरेंद्र के नन्हे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखा जा सके। वीरेंद्र सिंह की शहादत और असमय मृत्यु ने यह याद दिला दिया कि गांवों के दुर्गम इलाके अब भी कितने खतरनाक हैं, जहां एक चूक जान ले सकती है।
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