उत्तराखंड में छात्रवृत्ति घोटाले पर केंद्र का कड़ा वार, एसआईटी का गठन

उत्तराखंड में छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर संसद के मानसून सत्र में हरिद्वार सांसद एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा उठाए गए सवाल पर अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार ने इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लिया है।

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 21 August 2025, 1:13 PM IST
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Haridwar: उत्तराखंड में छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर संसद के मानसून सत्र में बड़ा खुलासा हुआ है। हरिद्वार सांसद एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा उठाए गए सवाल पर अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार ने इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लिया है।

SIT का गठन

मंत्री ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के आधार पर उत्तराखंड सहित कई राज्यों में संदिग्ध संस्थानों की पहचान की गई है, जिनमें मदरसों के नाम भी शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने 24 जुलाई 2025 को आदेश जारी कर विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है।

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यह जांच दल छात्रवृत्ति योजनाओं में हुई गड़बड़ियों और फर्जीवाड़े की गहन जांच कर रहा है। रिजिजू ने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी ताकि भविष्य में कोई भी संस्था या व्यक्ति गरीब विद्यार्थियों के अधिकारों से खिलवाड़ न कर सके।

केंद्र सरकार का बड़ा कदम

केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति वितरण व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए पूरी प्रक्रिया को राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल से जोड़ दिया है। इसके तहत आधार भुगतान ब्रिज सिस्टम, आधार आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) के जरिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) लागू किया गया है। मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में सभी छात्रवृत्ति योजनाओं को डिजिटल निगरानी तंत्र से जोड़ा जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता या फर्जीवाड़े की संभावना पूरी तरह समाप्त हो सके।

सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत का बयान

सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि छात्रवृत्ति योजनाओं का उद्देश्य समाज के गरीब और जरूरतमंद विद्यार्थियों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ना है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इन योजनाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों पर कठोर कार्रवाई आवश्यक है, ताकि वास्तविक लाभार्थियों तक योजनाओं का फायदा पहुंच सके।

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उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू डिजिटल व्यवस्था से पारदर्शिता और जवाबदेही में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आने वाले समय में इन सख्त और आधुनिक निगरानी प्रणालियों के चलते छात्रवृत्ति घोटाले जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति पूरी तरह से रोकी जा सकेगी।

इस प्रकार, सरकार का यह कदम शिक्षा के अधिकार की रक्षा और वास्तविक जरूरतमंद विद्यार्थियों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रहा है।

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