भाजपा में बगावत की आहट: बाहरी नेताओं के टिकट से बढ़ी गुटबाजी, क्या होगा 2027 में?

भाजपा में 2027 विधानसभा चुनाव से पहले टिकट को लेकर गुटबाजी तेज हो गई है। बाहरी नेताओं की सक्रियता से पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ा है। यदि इसे काबू नहीं किया गया, तो चुनावी नतीजों पर असर पड़ सकता है।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 30 September 2025, 4:05 PM IST
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Lalkuan: विधानसभा चुनाव 2027 की आहट ने भाजपा में सियासी हलचल को बढ़ा दिया है। टिकट वितरण से पहले बाहरी नेताओं की सक्रियता ने पार्टी में गुटबाजी और असंतोष को हवा दी है, जिससे भाजपा की अंदरूनी राजनीति में उबाल आ गया है।

फिलहाल दो खेमे स्पष्ट रूप से बन गए हैं एक खेमा स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं का है, जो लंबे समय से क्षेत्र में सक्रिय रहकर संगठन को मजबूत करने का दावा करते हैं और दूसरा खेमा बाहरी नेताओं का है, जो क्षेत्रीय दौरे, जनसंपर्क और बैठकों के माध्यम से अपनी जड़ें मजबूत कर रहे हैं।

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गुटबाजी और असंतोष

स्थानीय नेताओं का आरोप है कि उनकी मेहनत और क्षेत्रीय सक्रियता को दरकिनार कर बाहरी चेहरों को तरजीह दी जा रही है। इन कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि पार्टी हाईकमान ने बाहरी नेताओं को टिकट देने की योजना बनाई तो वे चुप नहीं बैठेंगे।

सोर्स- इंटरनेट

कई कार्यकर्ता अंदरखाने बगावत करने की योजना बना रहे हैं और खुलकर विरोध करने से भी पीछे नहीं हटने का संकेत दे रहे हैं। गली-मोहल्लों में चर्चा है कि इस बार यदि बाहरी नेताओं को तरजीह दी गई, तो पार्टी को भीतरघात का सामना करना पड़ सकता है।

बाहरी नेताओं की सक्रियता

दूसरी ओर, भाजपा के बाहरी नेताओं ने भी अपने जनसंपर्क को बढ़ा लिया है और क्षेत्र में लगातार दौरे कर रहे हैं। इन नेताओं का दावा है कि वे क्षेत्रीय मुद्दों को समझते हैं और जनता से सीधे जुड़ाव रखते हैं। यह सक्रियता स्थानीय नेताओं को रास नहीं आ रही, क्योंकि उनका कहना है कि बाहरी नेताओं का क्षेत्रीय राजनीति और स्थानीय जनसंपर्क पर पकड़ नहीं होती है, लेकिन फिर भी उन्हें प्राथमिकता दी जा रही है।

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चुनावी विश्लेषण

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि भाजपा में गुटबाजी पर समय रहते लगाम नहीं लगी, तो पार्टी को विधानसभा चुनाव 2027 में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। यदि असंतुष्ट कार्यकर्ता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते हैं या बागी उम्मीदवार उतारते हैं, तो इससे पार्टी के वोट बैंक में भी खटास आ सकती है। भाजपा के अंदर घेराबंदी और सख्त फैसले लेने की आवश्यकता है ताकि किसी भी असंतोष को दबाया जा सके और पार्टी एकजुट हो सके।

Location : 
  • Lalkuan

Published : 
  • 30 September 2025, 4:05 PM IST