

हरिद्वार के ज्वालापुर में पुलिस ने सीसीटीवी सर्विलेंस सिस्टम की बैटरी चोरियों का खुलासा किया जिसमें चोरों ने चौंकाने वाले कई राज खोले हैं।
ज्वालापुर के बैटरी चोर शिकंजे में
Haridwar: ज्वालापुर क्षेत्र में सीसीटीवी सर्विलेंस सिस्टम की बैटरियों की चोरी के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। ज्वालापुर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन शातिर चोरों को गिरफ्तार कर चोरी की गई बैटरियां और वारदात में प्रयुक्त i10 कार बरामद कर ली है। इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र में पुलिस की सक्रियता और तत्परता की जमकर सराहना हो रही है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार घटना की शुरुआत तब हुई जब गुड़गांव की एक टेक्नीशियन कंपनी में कार्यरत राहुल कुमार ने पुलिस को सूचना दी कि ज्वालापुर बाईपास स्थित राइस मिल तिराहे के पास नगर नियंत्रण सीसीटीवी सर्विलेंस सिस्टम से ओकाया कंपनी की दो बैटरियां चोरी कर ली गई।
शिकायत के आधार पर ज्वालापुर थाने में अज्ञात चोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत एक विशेष टीम का गठन किया।
टीम में उप-निरीक्षक नवीन नेगी के नेतृत्व में कांस्टेबल महावीर, अंकुर चौधरी, अजय पवार और दीपक चौहान को शामिल किया गया। टीम ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी और क्षेत्र में मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया। लगातार निगरानी और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी।
अगस्त तिराहे के पास सेक्टर 2 क्षेत्र में पुलिस ने तीन संदिग्धों — योगराज कुमार, आकाश और गणेश स्वामी उर्फ नंदू — को धर दबोचा। पूछताछ में तीनों ने बैटरियों की चोरी की वारदात को अंजाम देने की बात कबूल की। पुलिस ने उनके कब्जे से चोरी की गई दोनों बैटरियां और घटना में प्रयुक्त i-10 कार भी बरामद कर ली।
तीनों आरोपी रुड़की के ब्रह्मपुर गांव के निवासी हैं और पहले भी चोरी की घटनाओं में शामिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि रात के समय सुनसान स्थानों पर वारदता को अंजाम देते हैं।
ज्वालापुर पुलिस द्वारा की गई इस त्वरित और सटीक कार्रवाई से क्षेत्रवासियों में सुरक्षा को लेकर भरोसा बढ़ा है। वहीं वरिष्ठ अधिकारियों ने भी टीम के कार्य की सराहना करते हुए उन्हें पुरस्कृत करने की बात कही है।
पुलिस अब आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं इनका संबंध किसी बड़े चोरी गिरोह से तो नहीं है।
पुलिस अब आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं इनका संबंध किसी बड़े चोरी गिरोह से तो नहीं है।