

रोशनाबाद-बिहारीगढ़ मोटर मार्ग पर डाक कांवड़ियों की कतारें दूर तक नजर आ रही हैं। सुबह से लेकर देर रात तक बाइक सवार श्रद्धालुओं का जत्था गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार पहुंच रहा है। इसके अलावा धनोरी-बिहारीगढ़ और माधुरी-बिहारीगढ़ मार्गों से भी भारी संख्या में कांवड़िए हरिद्वार की ओर कूच कर रहे हैं।
डाक कावड़
Haridwar: सावन के पवित्र महीने में उत्तर भारत की पवित्र नगरी हरिद्वार एक बार फिर से आस्था के विशाल सैलाब से सराबोर हो उठी है। कांवड़ यात्रा के अंतिम पड़ाव के रूप में हरिद्वार में डाक कांवड़ियों का जत्था लगातार बढ़ता जा रहा है। खास तौर पर बाइक सवार डाक कांवड़ियों की संख्या में इस बार जबरदस्त इजाफा देखा जा रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार रोशनाबाद-बिहारीगढ़ मोटर मार्ग पर डाक कांवड़ियों की कतारें दूर तक नजर आ रही हैं। सुबह से लेकर देर रात तक बाइक सवार श्रद्धालुओं का जत्था गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार पहुंच रहा है। इसके अलावा धनोरी-बिहारीगढ़ और माधुरी-बिहारीगढ़ मार्गों से भी भारी संख्या में कांवड़िए हरिद्वार की ओर कूच कर रहे हैं।
डाक कांवड़ यात्रा की रफ्तार देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क नजर आ रहा है। पुलिस और प्रशासन ने सभी प्रमुख मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया है। जगह-जगह पुलिस बल तैनात है ताकि यातायात सुचारू रूप से चलता रहे और किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। ट्रैफिक पुलिस लगातार गश्त कर रही है ताकि डाक कांवड़ियों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने भी व्यापक इंतजाम किए हैं। मार्गों पर जगह-जगह मेडिकल कैंप लगाए गए हैं ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत प्राथमिक उपचार दिया जा सके। इसके अलावा प्रशासन द्वारा जलपान केंद्र भी स्थापित किए गए हैं, जहां थके हारे कांवड़िए ठहरकर जलपान कर सकें और आगे की यात्रा के लिए खुद को तैयार कर सकें।
हरिद्वार प्रशासन ने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि वे कांवड़ियों को पूरा सहयोग दें और अनावश्यक वाहन यातायात से बचें ताकि मार्गों पर जाम की स्थिति न उत्पन्न हो। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि CCTV कैमरों से निगरानी भी की जा रही है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
गौरतलब है कि डाक कांवड़ यात्रा आम कांवड़ यात्रा से अलग होती है। इसमें श्रद्धालु तीव्र गति से बाइक या पैदल दौड़ते हुए हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं और शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। सावन के अंतिम दिनों में डाक कांवड़ियों की संख्या में कई गुना वृद्धि होती है।
हरिद्वार की ओर उमड़ा यह आस्था का सैलाब न सिर्फ श्रद्धालुओं की आस्था को दर्शाता है बल्कि प्रशासन की चुस्त व्यवस्था भी श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का भरोसा देती है।