UP में BJP को किस बात का डर, ब्राह्मण या पिछड़ा चेहरा? जानिए किसे मिल सकती प्रदेश अध्यक्ष की कमान

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में देरी की एक वजह इस राज्य के जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को भी माना जा रहा है। भाजपा किसी ऐसे चेहरे की तलाश में जो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की काट बन सके। Rewrite

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 9 July 2025, 6:52 PM IST
google-preferred

Lucknow: उत्तर प्रदेश में अभी भी बीजेपी को प्रदेश अध्यक्ष का चेहरा नहीं मिल पाया है। ऐसे में राजनीति गलियारों में ये खबर चर्चा का विष्य बन गया है। एक ओर  भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जहां देश के 22 राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए हैं, वहीं उत्तर प्रदेश जैसा सबसे अहम राज्य अब भी प्रदेश अध्यक्ष के ऐलान का इंतजार कर रहा है। ऐसा क्यों? देरी की असली वजह क्या है?

ओबीसी बनाम ब्राह्मण समीकरण

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, 2024 लोकसभा चुनाव में यूपी ने बीजेपी को करारा झटका दिया।  पार्टी 2019 की 62 सीटों के मुकाबले केवल 33 सीटें ही जीत सकी। इसके पीछे बड़ा कारण पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) समीकरण बताया जा रहा है, जिसे समाजवादी पार्टी बखूबी भुना रही है। बीजेपी इस समीकरण का जवाब किसी मजबूत ओबीसी चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर देना चाहती है, लेकिन दूसरी तरफ ब्राह्मणों की नाराजगी और इटावा प्रकरण जैसे घटनाक्रम हाईकमान के लिए नई चुनौती बन गए हैं।

सवर्णों का भरोसा, ओबीसी की ज़रूरत

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,  पार्टी का मानना है कि सवर्ण, विशेषकर ब्राह्मण, परंपरागत तौर पर बीजेपी के साथ हैं, इसलिए वह वर्ग स्थायी आधार है। लेकिन ओबीसी वर्ग को साधना चुनावी मजबूरी बन चुका है। यही वजह है कि ओबीसी नेताओं का नाम प्रमुखता से चल रहा है।

कौन-कौन हैं रेस में?

ब्राह्मण चेहरे:

डॉ. दिनेश शर्मा (पूर्व डिप्टी सीएम, राज्यसभा सांसद)

हरीश द्विवेदी (पूर्व सांसद)

गोविंद नारायण शुक्ला (प्रदेश महामंत्री)

सुब्रत पाठक (पूर्व सांसद)

जामिया मिलिया इस्लामिया में 306 पदों पर भर्ती, असिस्टेंट प्रोफेसर और गेस्ट फैकल्टी के लिए ऑफलाइन आवेदन जारी

ओबीसी चेहरे:

स्वतंत्र देव सिंह (कैबिनेट मंत्री, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष)

धर्मपाल सिंह (वरिष्ठ नेता, मंत्री)

साध्वी निरंजन ज्योति (सांसद, मंत्री)

Bahraich Crime: चुनावी रंजिश को लेकर जमकर हुआ बवाल, ईट, पत्थर व तलवारे चलने में कई लोग घायल

बीजेपी की रणनीति क्या कहती है?

पार्टी 2027 विधानसभा चुनाव से पहले एक ऐसा चेहरा देना चाहती है जो सपा के पीडीए को तोड़ सके, क्षेत्रीय व जातीय संतुलन बना सके और संगठन में उत्साह और नई ऊर्जा भर सके।

The MTA Speaks: कैसे लापता हुआ विश्व का सबसे खतरनाक बॉम्बर विमान, ईरान ने गिराया या अमेरिका छुपा रहा सच्चाई?

 

Location : 

Published :