

यूपी के चंदौली में GTR ब्रिज के पास सर्विस रोड की दीवार गिरने से लोगों में हड़कंप मच गया, बाइक-साइकिल मलबे में दब गई।
बारिश के बाद जीटीआर ब्रिज के पास की दीवार गिरी
Chandauli: तेज बारिश ने जहाँ लोगों को गर्मी से राहत दी, वहीं पीडीडीयू नगर स्थित जीटीआर ब्रिज के समीप रेलवे की सर्विस रोड की दीवार गिरने से बड़ा हादसा टल गया। बारिश के चलते चारदीवारी भरभराकर गिर गई, जिससे उसके पास खड़ी तीन बाइक और एक साइकिल मलबे में दब गईं। साथ ही पास की मिठाई और दवाई की दुकानों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, स्थानीय लोगों ने बाताया, यह दीवार पहले से जर्जर थी और कई बार रेलवे के अधिकारियों को इसकी हालत की सूचना दी गई थी। लोगों ने आरोप लगाया कि दीवार के नीचे चूहों ने बड़ी सुरंग बना रखी थी, जिससे दीवार की नींव कमजोर हो गई थी। लगातार कचरा जमा होने और बारिश के दबाव से पहले दीवार झुकने लगी थी, लेकिन रेलवे की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। अंततः सोमवार को तेज बारिश ने दीवार को पूरी तरह गिरा दिया।
दीवार गिरने की आवाज सुनकर आसपास के दुकानदार और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। राहत की बात यह रही कि हादसे के वक्त कोई व्यक्ति दीवार के पास नहीं था, जिससे जान का नुकसान नहीं हुआ। लेकिन खड़ी बाइक, साइकिल और दो दुकानों को भारी क्षति पहुंची है। मिठाई दुकान का फ्रिज और काउंटर टूट गया, वहीं दवाई दुकान में रखी कुछ दवाएं भी बारिश और मलबे के कारण खराब हो गईं।
दीवार गिरने से बाइक-साइकिल मलबे में दबी
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि, यह हादसा बड़ी अनदेखी का नतीजा है। कई बार हमने अधिकारियों को चेताया कि दीवार झुक रही है और उसके नीचे गड्ढे बन गए हैं, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। अगर यह हादसा किसी व्यस्त समय में होता, तो जान-माल की बड़ी हानि हो सकती थी।
रेलवे कॉलोनी से चहनियां और गाजीपुर जाने वाला यह सर्विस रोड लोगों के आवागमन का मुख्य मार्ग है। दीवार गिरने से मार्ग भी कुछ देर के लिए अवरुद्ध हो गया और कई वाहन चालकों को रास्ता बदलना पड़ा। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि रेलवे प्रशासन इस मामले में तुरंत संज्ञान ले और दीवार के पुनर्निर्माण के साथ-साथ दुकानदारों को मुआवजा दे।
इस घटना को लेकर अब तक रेलवे के किसी वरिष्ठ अधिकारी ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। घटना की सूचना मिलने के बावजूद रेलवे प्रशासन की चुप्पी पर भी लोग नाराज हैं।
फिलहाल मलबा हटाने का काम जारी है और स्थानीय दुकानदार नुकसान का आकलन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते जिम्मेदार विभागों ने ध्यान दिया होता, तो यह हादसा टाला जा सकता था।