

चंदौली के साहूपुरी गांव में मछली और मुर्गा के अवशिष्ट खुले में फेंकने से ग्रामीण नाराज हैं। पितृ पक्ष और नवरात्र में धार्मिक भावनाएं आहत होने का आरोप। समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन शुरू किया है।
ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन
Chandauli: मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के साहूपुरी गांव में मछली और मुर्गा के अवशिष्ट (बचे हुए हिस्से) खुले में फेंकने के मामले ने ग्रामीणों में भारी आक्रोश भड़काया है। इस अव्यवस्था के कारण स्थानीय लोगों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पितृ पक्ष और आगामी नवरात्र के पावन अवसर पर हिंदू जन भावना को ठेस पहुंचाई गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि अवशिष्ट खुले में फेंके जाने से न केवल धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं, बल्कि इससे गंभीर स्वास्थ्य संकट भी उत्पन्न होने का खतरा है। सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक करने वाले ग्रामीण इस कूड़े-करकट की वजह से परेशान हो गए हैं। कई लोगों ने कहा कि संक्रामक रोग फैलने की संभावना के चलते वे अपने स्वास्थ्य को खतरे में देखकर अब मॉर्निंग वॉक करना बंद कर चुके हैं।
ग्रामीणों ने स्थानीय पुलिस चौकी पर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस से उन्हें केवल कोरे आश्वासन ही मिले। इस पर ग्रामीण और ज्यादा नाराज हो गए और सामूहिक रूप से विरोध प्रदर्शन करने लगे। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि इस समस्या का समाधान तत्काल नहीं किया गया तो वे एक बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
धरना प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने कहा, हम पितृ पक्ष और नवरात्र के समय साफ-सफाई और पवित्रता की उम्मीद करते हैं, लेकिन खुले में मछली और मुर्गा के अवशिष्ट फेंके जाने से यह सब ध्वस्त हो गया है। हमारी भावनाओं की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यदि प्रशासन तुरंत इस मामले में संज्ञान नहीं लेता है तो वे जिला मुख्यालय तक अपनी आवाज पहुंचाने का निर्णय ले चुके हैं।
साहूपुरी गांव के ग्रामीणों का कहना है कि यह समस्या कई दिनों से बनी हुई है। वे बार-बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। गांव में गंदगी और बदबू फैलने के कारण लोगों का रहना और स्वास्थ्य दोनों प्रभावित हो रहे हैं। विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों में संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
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स्थानीय प्रशासन से ग्रामीणों की मांग है कि अवशिष्ट पदार्थों के उचित निस्तारण के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं और गांव में साफ-सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाया जाए। साथ ही उन्होंने ग्राम स्तर पर भी जागरूकता अभियान चलाने की अपील की है ताकि लोग स्वच्छता बनाए रखने में सहयोग करें। अब देखना होगा कि प्रशासन ग्रामीणों की मांगों पर कितना जल्दी और प्रभावी तरीके से कार्रवाई करता है। वहीं, ग्रामीण आंदोलन को तेज करने की चेतावनी देकर अपना विरोध प्रकट कर चुके हैं।