

लखीमपुर खीरी के बांछेपारा गो आश्रय स्थल में अव्यवस्थाएं देखी गई हैं, जिसके चलते सीडीओ ने सख्त कार्रवाई की। पूरी खबर के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
गो आश्रय स्थल में लापरवाही
लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जनपद से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसे पढ़कर आप भी हैरान हो जाओगे। बता दें किब्लॉक बेहजम के अंतर्गत गो आश्रय स्थल बांछेपारा में व्याप्त अव्यवस्थाओं से संबंधित सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को देखते हुए सीडीओ अभिषेक कुमार ने तत्काल संज्ञान लिया और त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार सचान के नेतृत्व में एक जांच दल का गठन किया।
ग्राम पंचायत अधिकारी निलंबित
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, जांच टीम द्वारा किए गए स्थल निरीक्षण में गो आश्रय स्थल पर कई अनियमितताएं पाई गई। आश्रय स्थल की दुर्दशा पर सीडीओ ने गहरी नाराजगी व्यक्त की और इसे प्रशासनिक संवेदनशीलता की अनदेखी करार दिया। जवाबदेही तय करते हुए सीडीओ ने त्वरित अनुशासनात्मक कार्रवाई के दौरान ग्राम पंचायत अधिकारी राहुल राजवंशी को निलंबित कर दिया है।
लिखित स्पष्टीकरण तलब किया
बता दें कि ग्राम प्रधान जानकी प्रसाद यादव को नोटिस जारी किया गया है। इसके अतिरिक्त बीडीओ बेहजम और पशु चिकित्सा अधिकारी बेहजम डॉ अनुरुद्ध सिंह से लिखित स्पष्टीकरण तलब किया गया है, ताकि लापरवाही की स्पष्ट जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सके और भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी: सीडीओ
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सीडीओ अभिषेक कुमार ने स्पष्ट किया कि गोवंश की सेवा, विशेष रूप से निराश्रित गोवंश की देखभाल सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है, और इस दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जनपद के सभी गो आश्रय स्थलों की स्थिति की पुनः समीक्षा की जाए तथा आवश्यकतानुसार सुधारात्मक कदम शीघ्र उठाए जाएं।
प्रतापगढ़ में भी दिखी लापरवाही
लखीमपुर खीरी के अलावा कुछ दिन पहले प्रतापगढ़ में भी लापरवाही देखने को मिली, जहां जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने लालगंज के पहाड़पुर स्थित वृहद गौ-आश्रय स्थल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में कई कमियां सामने आई। गोदाम में हरा चारा उपलब्ध होने के बावजूद पशुओं को केवल भूसा दिया जा रहा था। बता दें कि गौशाला में गोवंश कमजोर स्थिति में मिले। गौशाला में केवल 50 प्रतिशत पशुओं में ही ईयर टैग लगा था। जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को एक सप्ताह में सभी पशुओं की ईयर टैगिंग कराने का निर्देश दिया। गौशाला में 6 शेड हैं।