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वाराणसी में कफ सिरप तस्करी मामले में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। फर्जी ड्रग लाइसेंस बनवाकर दोनों ने 7 करोड़ रुपये का अवैध कारोबार किया। आरोपी सोनभद्र कफ सिरप कांड से सीधे जुड़े पाए गए हैं।
फर्जी लाइसेंस बनवाकर खरीदे कफ सिरप (Img source: google)
Varanasi: उत्तर प्रदेश में नशीले कफ सिरप के अवैध कारोबार से जुड़े मामले में जांच एजेंसियों को एक और बड़ी सफलता मिली है। वाराणसी में पुलिस और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की संयुक्त टीम ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ड्रग लाइसेंस बनवाकर कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध बिक्री करने का आरोप है।
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की पहचान विशाल कुमार जायसवाल (34) और बादल आर्य (33) के रूप में हुई है। दोनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और एनडीपीएस एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
वाराणसी के डीसीपी क्राइम सरवनन टी ने बताया कि दोनों आरोपियों ने जाली दस्तावेजों के जरिए ड्रग लाइसेंस हासिल किया और उसका इस्तेमाल नशीले कफ सिरप की खरीद-फरोख्त में किया। जांच में सामने आया है कि इन आरोपियों ने कफ सिरप को दवा के रूप में नहीं, बल्कि नशे के रूप में इस्तेमाल के लिए बेचा।
आरोपियों ने झारखंड के रांची स्थित शैली ट्रेडर्स से 5 लाख से ज्यादा कफ सिरप की शीशियां खरीदी थीं। यह फर्म कफ सिरप कांड के मुख्य आरोपी भोला प्रसाद जायसवाल की बताई जा रही है, जिन्हें सोनभद्र पुलिस पहले ही कोलकाता से गिरफ्तार कर चुकी है। भोला प्रसाद, इस पूरे रैकेट के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल का पिता है, जो अभी फरार चल रहा है।
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पुलिस जांच के मुताबिक हारी ओम फार्मा, जो विशाल जायसवाल के नाम पर थी, उसने शैली ट्रेडर्स से 4,18,000 कफ सिरप की शीशियां खरीदीं और उन्हें बेचकर 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की। वहीं काल भैरव ट्रेडर्स, जो बादल आर्य के नाम से संचालित थी, ने 1,23,000 शीशियां खरीदीं और 2 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार किया।
पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि दोनों आरोपी अपने फर्म के नाम से फर्जी ई-वे बिल भी तैयार करते थे, ताकि माल की अवैध ढुलाई को वैध दिखाया जा सके।
पूछताछ में यह भी सामने आया है कि विशाल जायसवाल और बादल आर्य को इस अवैध कारोबार के बदले हर महीने 30 से 40 हजार रुपये तक की नकद कमीशन दी जाती थी। दोनों ने कथित तौर पर एक साल में करीब 7 करोड़ रुपये का कारोबार करने की बात कबूल की है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह गिरफ्तारी केवल शुरुआत है। कफ सिरप तस्करी से जुड़े इस नेटवर्क में अभी कई और लोग शामिल हो सकते हैं। फरार आरोपी शुभम जायसवाल की तलाश तेज कर दी गई है और जल्द ही इस रैकेट के और बड़े नाम सामने आने की संभावना है।