

बीते 21 मई की शाम आए तेज तूफान के बाद से पूरे इलाके की बिजली सप्लाई ठप है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की यह रिपोर्ट
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ग्रेटर नोएडा: बुधवार शाम आई तेज आंधी-तूफान ने उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) की तैयारियों और व्यवस्था की पोल खोल दी है। आंधी के गुज़र जाने के 48 घंटे बाद भी बिश्नूली बिजलीघर से जुड़े अधिकांश गांवों और रिहायशी कॉलोनियों में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह ठप है। भीषण गर्मी और पानी की किल्लत से जूझ रहे लोगों का गुस्सा शुक्रवार सुबह फूट पड़ा। जब क्षेत्र की दर्जनों महिलाएं बिश्नूली बिजलीघर पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन करने लगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने बिजली विभाग के अधिकारियों से तत्काल विद्युत आपूर्ति बहाल करने की मांग की। करीब एक घंटे तक चले घेराव के बाद अधिकारियों ने बिजली आपूर्ति शीघ्र शुरू करने का आश्वासन दिया, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक दिलासा निकला। देर शाम तक महक रेजिडेंसी, बिश्नूली गांव और उसके आसपास की अन्य सोसायटियों में बिजली की आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी थी।
21 मई से बिजली गुल, पानी के लिए तरसे लोग
बिश्नूली क्षेत्र के निवासी ऋषि ने बताया कि 21 मई की शाम आए तेज तूफान के बाद से पूरे इलाके की बिजली सप्लाई ठप है। 48 घंटे से अधिक समय बीत चुका है लेकिन अब तक बिजली बहाल नहीं हुई है। लोगों को पीने और नहाने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। छोटे बच्चे और बुजुर्ग गर्मी में बेहाल हैं।
हर बार का वही हाल, न कोई स्थायी समाधान
स्थानीय लोगों ने बताया कि जब भी आंधी-तूफान आता है, एनपीसीएल (नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड) के क्षेत्र में बिजली आपूर्ति कुछ ही घंटों में बहाल कर दी जाती है, लेकिन यूपीपीसीएल के क्षेत्र में दिन-हफ्ते बीत जाते हैं, फिर भी बिजली नहीं आती। यह व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
प्रदर्शन में शामिल एक महिला उपभोक्ता ने कहा कि हमने कर्मचारियों से बार-बार संपर्क किया, हर बार सिर्फ एक-एक घंटे का झूठा आश्वासन मिला। अब पानी नहीं है, बच्चों की हालत खराब है। गर्मी में दिन-रात गुज़ारना मुश्किल हो रहा है। अगर तुरंत बिजली नहीं आई तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा। लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि दादरी क्षेत्र के लिए बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं हो रहे। एक उपभोक्ता ने कहा कि पहले एक परिवार में एक मीटर होता था। अब 6 सदस्य हैं तो 6 मीटर लग गए हैं, लेकिन आपूर्ति वही पुरानी कमजोर व्यवस्था पर निर्भर है। गर्मी शुरू होते ही ओवरलोडिंग की समस्या आम हो जाती है। प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहता है।
हर साल दोहराई जाती है यही कहानी
ग्रामीणों का कहना है कि हर साल गर्मी के मौसम में दादरी क्षेत्र में यही हाल होता है। जब तक स्थानीय जनप्रतिनिधि इस समस्या का स्थायी हल नहीं निकालते। जनता को यूं ही गर्मी, अंधेरे और असुविधा में दिन काटने होंगे।