

उत्तर प्रदेश में मॉनसून समय से पहले सक्रिय होकर झमाझम बारिश लाया। गंगा का जलस्तर बढ़ने से कई गांव जलमग्न हो गए हैं। जानिए अपने जिले के मौसम का हाल
मौसम अपडेट (सोर्स- गूगल)
Lucknow: उत्तर प्रदेश में इस बार मॉनसून ने समय से पहले दस्तक देकर मौसम को रंगीन और राहत भरा बना दिया है। शनिवार शाम से शुरू हुई बारिश ने रविवार दोपहर तक प्रदेश के कई हिस्सों को तरबतर कर दिया। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में 39 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिसमें 13 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट और 26 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। बारिश के साथ गरज-चमक और बिजली गिरने की आशंका भी जताई गई है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, मॉनसून की ट्रफ लाइन यूपी के बीच से गुजर रही है, जो मौसम को और सक्रिय कर रही है। फर्रुखाबाद में 80 मिमी, बलरामपुर में 89 मिमी, फतेहगढ़ में 82 मिमी, आगरा में 56.8 मिमी और कानपुर में 50.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। मेरठ में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंचने से कई गांव पानी में डूब गए। बिजनौर बैराज पर गंगा का जलप्रवाह 29,918 क्यूसेक से बढ़कर 1,03,000 क्यूसेक हो गया, जिससे आसपास के गांवों का संपर्क टूट गया।
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में निम्न दाब और चक्रवाती हवाओं के कारण मॉनसून अगले 24-48 घंटों में और तेज होगा। बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सहारनपुर, मुरादाबाद जैसे जिलों में बहुत भारी बारिश की संभावना है, जबकि सोनभद्र, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ जैसे 26 जिलों में भारी बारिश का अनुमान है। फतेहपुर, चंदौली, लखनऊ, आगरा जैसे कई इलाकों में बिजली गिरने का खतरा बना हुआ है।
प्रयागराज में उमस से बढ़ी परेशानी
वहीं गोरखपुर में 24 घंटे में 10 मिमी बारिश हुई, जिससे तापमान 2.3 डिग्री गिरकर 34 डिग्री सेल्सियस रहा। मुरादाबाद मंडल में सुबह से शाम तक रुक-रुक कर बारिश ने गर्मी और उमस से राहत दी। रामपुर में तापमान 30 डिग्री तक गिर गया, जबकि मुरादाबाद में 31 डिग्री दर्ज किया गया। ब्रज क्षेत्र में रिमझिम बारिश ने मौसम को सुहावना बना दिया, लेकिन आगरा में यमुना में स्नान के दौरान दो बच्चे बह गए। प्रयागराज में बादल छाए रहे, लेकिन उमस ने लोगों को परेशान किया। अधिकतम तापमान 31.8 डिग्री और न्यूनतम 25.4 डिग्री रहा। मॉनसून की इस मेहरबानी ने जहां गर्मी से राहत दी, वहीं जलभराव और बाढ़ जैसे खतरे भी बढ़ा दिए।