

गोरखपुर के गोलाबाजार थाना क्षेत्र के डिघवा खुर्द निवासी बंदना, पुत्री बंशु, ने अपने ससुराल पक्ष पर दहेज लोभ और घरेलू हिंसा का गंभीर आरोप लगाते हुए गोला थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करवाया है। पढ़ें पूरी खबर
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के गोलाबाजार थाना क्षेत्र के डिघवा खुर्द निवासी बंदना, पुत्री बंशु, ने अपने ससुराल पक्ष पर दहेज लोभ और घरेलू हिंसा का गंभीर आरोप लगाते हुए गोला थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करवाया है। इस मामले ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है, क्योंकि दहेज जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ एक और पीड़ित महिला की आवाज सामने आई है।
क्या है पूरा मामला
बंदना के अनुसार, उनकी शादी चिकनिया, थाना गोला निवासी अजय, पुत्र सीताराम, के साथ हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी। शादी के दौरान वरपक्ष को दहेज के रूप में 11,101 रुपये नकद, तिलक में 50,000 रुपये, बाइक के लिए 1,20,000 रुपये, डेढ़ तोले की सोने की माला, दो सोने की अंगूठियां और अन्य घरेलू सामान दिए गए। लेकिन ससुराल पहुंचते ही बंदना का जीवन नर्क बन गया। उनके पति अजय, ससुर सीताराम, सास आरती, ननद वंदना और ममता ने मिलकर दहेज की मांग को लेकर उन्हें प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित...
बंदना ने बताया कि जब उन्होंने ससुराल वालों को समझाने की कोशिश की, तो स्थिति और बिगड़ गई। ससुराल पक्ष ने न केवल उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया, बल्कि मारपीट और जान से मारने की धमकी भी दी। 7 मई 2025 को ससुराल वालों ने बंदना को उनके मायके में छोड़ दिया। पीड़िता के पिता ने पंचायत के माध्यम से सुलह का प्रयास किया, लेकिन ससुराल पक्ष ने बंदना को वापस लेने से साफ इनकार कर दिया।
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पुलिस ने मामले की जांच की शुरू...
न्याय की आस में बंदना ने गोला थाने में तहरीर दी, जिसके आधार पर थाना प्रभारी के निर्देश पर अजय, सीताराम, आरती, वंदना और ममता के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 85, 115(2), 352, 351(3) और दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3 व 4 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
यह घटना समाज में दहेज प्रथा की गहरी जड़ों को उजागर करती है। बंदना का यह कदम न केवल उनकी हिम्मत को दर्शाता है, बल्कि अन्य पीड़ित महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन सकता है। पुलिस प्रशासन से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है, ताकि दोषियों को सजा मिले और दहेज जैसी कुप्रथा पर अंकुश लग सके।