

उत्तर प्रदेश की राजनीति में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
यूपी विधानसभा चुनाव 2027
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सगर्मियां तेज हो गई है। जहां इसी कड़ी में मंगलवार को लखनऊ में कांग्रेस ने 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। यह बैठक पूर्वांचल ज़ोन के ज़िलों के लिए थी और संगठन सृजन अभियान की समीक्षा के लिए रखी गई थी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, बैठक का आयोजन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ, जिसमें पूर्वांचल के सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, आज़मगढ़, देवरिया, बलिया, अंबेडकर नगर सहित 13 जिलों के संगठन प्रमुख शामिल हुए।
कांग्रेस लंबे समय से उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर है। 1989 के बाद से पार्टी को कोई बड़ा जनादेश नहीं मिला। 2022 में पार्टी सिर्फ 2 सीटें जीत पाई थी। इसी हार से सबक लेकर कांग्रेस अब अपनी संगठनात्मक जड़ों को मजबूत कर रही है ताकि 2027 में सत्ता में वापसी की जमीन तैयार की जा सके।
बैठक में तय किया गया कि जुलाई के अंत तक हर ब्लॉक और बूथ स्तर तक कांग्रेस की कमेटियों का गठन कर लिया जाएगा। पार्टी ने साफ कर दिया है कि अब टिकट उन्हीं कार्यकर्ताओं को मिलेगा, जो जमीन पर लगातार सक्रिय हैं और जिला संगठन की सिफारिश में शामिल हैं।
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने दो टूक कहा कि “काम करने वालों को टिकट और जिम्मेदारी” दी जाएगी। जिला इकाई को अब रणनीति की रीढ़ बनाया जा रहा है।
इस बार कांग्रेस अपने चुनावी घोषणा पत्र में स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से शामिल करने जा रही है। युवा, महिलाएं, किसान और रोजगार जैसे विषय हर जिले की जरूरतों के हिसाब से जोड़े जाएंगे। कुल मिलाकर कांग्रेस ने नींव से लेकर छत तक संगठन खड़ा करने की तैयारी कर ली है। सवाल ये है कि क्या यह रणनीति बीजेपी और सपा के मजबूत किले को हिला पाएगी? 2027 में यूपी की सियासी तस्वीर बदलेगी या नहीं, ये कहना अभी जल्दबाज़ी होगी, लेकिन कांग्रेस की गंभीरता ने मुकाबले को दिलचस्प ज़रूर बना दिया है।
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