

मऊ रेलवे स्टेशन पर बिना अनुमति प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पर अरविंद राजभर पर रेल अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस अनधिकृत गतिविधि से स्टेशन संचालन और यात्रियों को भारी असुविधा हुई। साथ ही सांसद द्वारा उठाए गए सईदी रोड क्षति मामले में रेलवे ने स्पष्ट किया कि सड़क क्षतिग्रस्त होने की वजह नगर पालिका की जल निकासी व्यवस्था की लापरवाही है।
सांसद राजीव राय और अरविंद राजभर
Mau News: सुभासपा नेता अरविंद राजभर के खिलाफ रेलवे पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। यह कार्रवाई समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव कुमार राय की शिकायत पर की गई है। मामला 19 मार्च 2025 को मऊ रेलवे स्टेशन पर हुई अनधिकृत प्रेस कॉन्फ्रेंस से जुड़ा है, जिसे लेकर पूर्वोत्तर रेलवे ने भी गंभीर आपत्ति जताई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के मंडल रेल प्रबंधक वीके श्रीवास्तव द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि अरविंद राजभर ने करीब 20-25 समर्थकों और मीडियाकर्मियों के साथ मऊ रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर बिना अनुमति के प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान न तो स्टेशन अधीक्षक और न ही किसी रेलवे अधिकारी को पूर्व सूचना दी गई थी। इस घटना ने रेलवे कर्मचारियों के कार्य में बाधा डाली। जिसकी वजह से यात्रियों को असुविधा हुई और रेल सुरक्षा पर भी खतरा पैदा हुआ।
क्या था पूरा मामला
रेलवे प्रशासन ने इस घटना को रेल संचालन में व्यवधान और अव्यवस्थाकी श्रेणी में रखा है। रेलवे पुलिस (RPF) मऊ ने मुकदमा अपराध संख्या 142/2025 दर्ज किया है, जिसमें अरविंद राजभर और 20-25 अज्ञात समर्थकों पर रेल अधिनियम की धारा 145, 146 और 147 के तहत कार्रवाई की जा रही है। इन धाराओं में रेलवे परिसर में अनुशासनहीनता, कर्मचारियों के कार्य में बाधा और रेलवे परिसर में अनधिकृत रूप से प्रवेश करने जैसे अपराध शामिल हैं।
सांसद राजीव राय की सख्त आपत्ति पर हुआ एक्शन
समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्चाधिकारियों से शिकायत की थी, जिसके आधार पर प्रशासन ने त्वरित संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अरविंद राजभर को नोटिस भी भेजा जा चुका है और अब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेज हो सकती है।
रेलवे ने सख्त कदम उठाने के दिए निर्देश
इस प्रकरण के बाद पूर्वोत्तर रेलवे के डीआरएम वी.के. श्रीवास्तव ने पत्र जारी कर मऊ रेलवे स्टेशन पर तैनात सभी अधिकारियों और रेलकर्मियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो। उन्होंने "एक्सेस कंट्रोल सिस्टम" को प्रभावी ढंग से लागू करने का आदेश दिया है, ताकि प्लेटफॉर्म पर अनधिकृत व्यक्तियों का प्रवेश पूरी तरह रोका जा सके।