गाजियाबाद में त्यागी समाज का हंगामा: BBA छात्र से मारपीट मामले में परिजनों ने किया बवाल, पुलिस पर उठे सवाल

घटना 15 मई की है। जब आईएमएस डासना में बीबीए अंतिम वर्ष का छात्र ध्रुव त्यागी परीक्षा देने के बाद बाहर निकला ही था। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 20 May 2025, 2:48 PM IST
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गाजियाबाद: एनएच-9 पर 15 मई को हाईटेक कॉलेज के पास बीबीए के एक छात्र के साथ हुई बेरहमी से मारपीट के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सोमवार देर रात तक पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला तब गंभीर रूप से उभरा, जब पीड़ित छात्र के स्वजनों ने पुलिस द्वारा हल्की धाराओं में चालान करने पर विरोध जताया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, घटना 15 मई की है। जब आईएमएस डासना में बीबीए अंतिम वर्ष का छात्र ध्रुव त्यागी परीक्षा देने के बाद बाहर निकला ही था। तभी कुछ युवकों ने उसे घेर लिया और उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी। छात्र ने कॉलेज के अंदर भागने की कोशिश की, लेकिन हमलावरों ने उसे नीचे गिरा दिया और फिर से मारपीट की। ध्रुव के भाई उदय त्यागी ने बताया कि एक वर्ष पूर्व खेल को लेकर हुए झगड़े की रंजिश में यह हमला किया गया। इस हमले के पीछे मुख्य रूप से मोदीनगर के खंजरपुर निवासी ध्रुव के मौसेरे भाई सुमित सांगवान और नकुल सांगवान शामिल थे। जो खुद भी बीबीए के द्वितीय वर्ष के छात्र हैं।

पहले दिन गिरफ्तारी, लेकिन हल्की धाराओं में चालान

रविवार को पुलिस ने सुमित और नकुल को गिरफ्तार तो कर लिया, लेकिन मारपीट की हल्की धाराओं में चालान कर दिया गया। जिससे दोनों को उसी दिन जमानत मिल गई। जब यह बात घायल छात्र के परिवार को पता चली तो उन्होंने इसका विरोध किया। स्वजनों के विरोध और सोशल मीडिया में मामला उठने के बाद वेव सिटी थाना पुलिस ने गंभीर रुख अपनाते हुए सोमवार देर रात दोनों भाइयों को दोबारा गिरफ्तार कर लिया। इस बार मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मारपीट की गंभीर धाराएं जोड़ी गई हैं।

तीन अन्य आरोपी भी गिरफ्तार

इस मामले में पुलिस ने तीन अन्य युवकों को भी गिरफ्तार किया है। जिनके नाम स्वजल गौतम, अंश यादव और श्याम धामा हैं। ये तीनों युवक घटनास्थल पर मौजूद थे और मारपीट में शामिल पाए गए। पुलिस जांच में सामने आया है कि ये तीनों बाहरी युवक हैं और इनमें से कोई भी नामजद नहीं था। हालांकि, पीड़ित पक्ष द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में चार लोगों को नामजद किया गया था। जिनमें से सुमित और नकुल की भूमिका स्पष्ट है। जबकि अन्य दो नामजद युवकों की संलिप्तता की पुष्टि नहीं हो पाई है।

पुलिस का पक्ष

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शुरुआत में मेडिकल रिपोर्ट उपलब्ध नहीं थी, इसलिए मामूली धाराओं में चालान किया गया। लेकिन जैसे ही मेडिकल रिपोर्ट आई और स्वजनों ने आपत्ति दर्ज कराई। उसके बाद गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पांचों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया।

सवालों के घेरे में पुलिस की प्रारंभिक कार्रवाई

इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस की शुरुआती भूमिका पर सवाल उठे हैं। आरोपियों को हल्की धाराओं में छोड़े जाने को लेकर पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगे। परिजनों की आपत्ति और दबाव के बाद ही कड़ी कार्रवाई की गई। फिलहाल सभी आरोपित पुलिस हिरासत में हैं और मामले की जांच चल रही है। पुलिस का कहना है कि यदि अन्य आरोपितों की संलिप्तता सामने आती है तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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