

गांव में लकड़बग्घे के तीन नवजात शावक मिलने से ग्रामीणों के बीच कौतूहल और भय का माहौल पैदा हो गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
लकड़बग्घे के तीन नवजात शावक
कानपुर: जिले के भीतरगांव विकास खंड के असधना गांव में लकड़बग्घे के तीन नवजात शावक मिलने से ग्रामीणों के बीच कौतूहल और भय का माहौल पैदा हो गया है। इन शावकों के मिलने से जहां लोग हैरान हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना इस इलाके में लकड़बग्घों की उपस्थिति को लेकर चिंताओं को भी जन्म दे रही है। गांव के बच्चे और महिलाएं डर के कारण खेतों और बगीचों में जाना बंद कर चुकी हैं।
तेज आंधी में गिर गई बांस की कोठी
शनिवार शाम तेज आंधी में असधना गांव के किनारे बनी बांस की कोठी गिर गई। इस दौरान खेल रहे कुछ बच्चों ने कोठी के अंदर से किसी जंगली जानवर के गुर्राने की अजीब सी आवाज सुनी। बच्चों ने लाठी-डंडे लेकर कोठी के पास जाकर झांकने की कोशिश की, तो उन्होंने लकड़बग्घे के तीन नवजात शावकों को देखा। इस दृश्य से बच्चे डर गए और ग्रामीणों को सूचना दी।
वन विभाग की टीम ने की प्राथमिक जांच
ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को इस घटना की सूचना दी। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शावकों की जांच की। घाटमपुर वन क्षेत्राधिकारी राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि शावकों की आंखें अब खुल चुकी हैं और उनका जन्म करीब दस से बारह दिन पहले हुआ था। वन विभाग ने पुष्टि की कि ये शावक लकड़बग्घे के ही हैं।
महिला और बच्चों ने छोड़ा कामकाजी क्षेत्र
इस घटना के बाद असधना गांव में लकड़बग्घों की मौजूदगी के कारण गांववालों में भय का माहौल बना हुआ है। खासकर महिलाएं और बच्चे खेतों और बगीचों में काम करने से कतराने लगे हैं। लकड़बग्घों की उपस्थिति के कारण ग्रामीणों के दैनिक जीवन में खलल पड़ने लगा है, और वे पूरी तरह से सचेत हो गए हैं।
शावकों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जाएगा
वन विभाग ने यह भी बताया कि शावकों को जल्दी ही रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थान पर भेजा जाएगा। उच्चाधिकारियों के आदेश पर यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी ताकि शावक पूरी तरह से सुरक्षित रहें और इलाके में रहने वाले लोग भी भयमुक्त महसूस करें। वन विभाग की टीम ने अपनी पूरी जांच के बाद यह सुनिश्चित किया कि शावकों को बिना किसी खतरे के सुरक्षित जगह भेजा जाएगा।