रायबरेली में10 अगस्त से चलेगा ये अभियान, जानें पूरी खबर

राष्ट्रीय फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 10 अगस्त से आईडीए अभियान की शुरुआत होगी। पढिये पूरी खबर

Post Published By: Deepika Tiwari
Updated : 18 July 2025, 8:13 PM IST
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रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में राष्ट्रीय फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद के आठ ब्लाक – बछरावां, बेला-भेला, डीह, हरचंदपुर, जटुआटप्पा, खीरों, महाराजगंज और सलोन में 10 से 28 अगस्त तक सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान चलेगा। जिसके तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर फ़ाइलेरियारोधी दवाएं (आइवरमेक्टिन, डाईइथाइल कार्बामजीनऔर एल्बेंडाजोल) खिलाएंगी।

 डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक,  इसी क्रम में शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवीन चंद्रा के दिशा निर्देशन में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में ब्लाक स्तरीय अधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ।

10 अगस्त से अभियान शुरू

प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला मलेरिया अधिकारी रमेश यादव ने कहा कि 10 अगस्त से अभियान शुरू हो रहा है । इसके लिए तैयारियां शुरू करें । अपने-अपने क्षेत्र का माइक्रोप्लान तैयार करें। साथ ही ड्रग एड्मिनिस्ट्रेटर की ट्रेनिंग का शिड्यूल तैयार कर जिले पर भेजें जिससे कि समय से ट्रेनिंग शुरू हो पाए | आशा कार्यकर्ता द्वारा फैमिली रजिस्टर समय से पूरा करवाना सुनिश्चित करें । दवा सेवन अभियान शुरू होने से पहले ही यह सुनिश्चित करें कि आशा कार्यकर्ता समुदाय को अभियान के तहत दवा खाने के लिए जानकारी दें । उन्हें यह बतायें कि दवा सेवन के बाद कुछ लोगों को चक्कर आना, जी मिचलाना जैसी समस्याएं हो सकती हैं लेकिन यह चिंता का विषय नहीं बल्कि शुभ संकेत हैं। यह, उन्हीं व्यक्तियों में दिखाई देते हैं जिनके शरीर में माइक्रोफ़ाइलेरिया या कृमि होते हैं ।

तकनीकी प्रशिक्षण में विश्व स्वास्थ्य संगठन

जब फ़ाइलेरियारोधी दवा खाते हैं तो इन कृमियों के मरने के कारण यह लक्षण दिखाई देते हैं । समुदाय में लोगों को बताएं कि फ़ाइलेरिया मच्छर के काटने से होती है और इसका कोई इलाज नहीं है। आईडीए अभियान के तहत लगातार तीन साल तक फ़ाइलेरिया रोधी दवा के सेवन से इस बीमारी से बचा जा सकता है । उन्होंने कहा कि इस अभियान में शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, पंचायती राज विभाग भी सहयोग करेगा। इसके साथ ही अभियान में मॉनिटरिंग व तकनीकी प्रशिक्षण में विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा पाथ व सामुदायिक जागरूकता में संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च(सीफ़ॉर) तथा पीसीआई सहयोग कर रहा है।

प्रशिक्षक और रायबरेली एम्स की कम्युनिटी मेडिसिन की चिकित्सक डॉ. आयुषी ने कार्यक्रम के बारे में बताया कि आईडीए अभियान साल में एक बार चलता है । इस अभियान में एक साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को यह दवा खिलायी जानी है । एक से दो साल की आयु के बच्चों को एल्बेंडाजोल की आधी गोली पीसकर खिलाई जानी है । अन्य सभी को भी एल्बेंडाजोल चबाकर या पीसकर ही खिलानी है व आइवरमेक्टिन लाभार्थी की लम्बाई के अनुसार खिलाई जाएगी । फ़ाइलेरिया रोधी दवा खाली पेट नहीं खानी है। प्रशिक्षण में आठ ब्लाक के ब्लाक प्रक्रिया मैनेजर, ब्लाक समुदाय प्रक्रिया मैनेजर, बेसिक हेल्थ वर्कर, सहयोगी, सीफ़ॉर , पीसीआई, पाथ के प्रतिनिधि सहित कुल 40 प्रतिभागी मौजूद रहे ।

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