योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति फेल! बदायूं में एंटीकरप्शन टीम की बड़ी कार्रवाई

बदायूं जिले के विकासखंड आसफपुर में ग्राम पंचायत सचिव गौरव कुमार सिंह को एंटीकरप्शन टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। राशन की दुकान दिलवाने के नाम पर ली जा रही थी रिश्वत। सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के बावजूद रिश्वतखोरी के मामले रुक नहीं रहे।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 9 October 2025, 5:13 PM IST
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Budaun: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के बावजूद रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी कड़ी में आज बदायूं जिले में एंटीकरप्शन टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए बिसौली तहसील के अंतर्गत विकासखंड आसफपुर में तैनात ग्राम पंचायत सचिव को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

सरकारी राशन की दुकान आवंटन के नाम पर मांगी रिश्वत

गिरफ्तार किए गए सचिव का नाम गौरव कुमार सिंह है, जो ग्राम पंचायत पिपरिया में तैनात था। गौरव पर आरोप था कि वह एक व्यक्ति से सरकारी राशन की दुकान आवंटित करवाने के नाम पर रिश्वत की मांग कर रहा था। शिकायत मिलते ही एंटीकरप्शन विभाग सक्रिय हुआ और योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

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कैसे हुआ खुलासा?

पीड़ित व्यक्ति ने पहले ही एंटीकरप्शन विभाग को शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद टीम ने प्लान के तहत ट्रैप ऑपरेशन चलाया और आज सुबह विकासखंड कार्यालय में सचिव गौरव कुमार सिंह को नकद रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। जैसे ही टीम ने गौरव को पकड़ा, पूरे विकासखंड कार्यालय में हड़कंप मच गया और अफरा-तफरी की स्थिति बन गई।

रिश्वत के नमूने को जांच के लिए भेजा

गिरफ्तारी के तुरंत बाद सचिव को स्थानीय थाने ले जाया गया, जहां आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू की गई। एंटीकरप्शन अधिकारियों ने रिश्वत की रकम को अपने कब्जे में लेकर उसके नमूने भी एकत्र किए, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में मदद मिल सके। विभागीय जांच भी जल्द ही शुरू की जाएगी और गौरव कुमार सिंह के निलंबन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।

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सरकार की सख्त नीति भी बेअसर?

गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य में भ्रष्टाचार को लेकर बेहद सख्त रुख अपनाए हुए है। “जीरो टॉलरेंस” की नीति के तहत राज्य सरकार ने कई भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। बावजूद इसके बदायूं सहित प्रदेश के कई जिलों में भ्रष्टाचार के मामले सामने आना यह दर्शाता है कि निचले स्तर पर अब भी भ्रष्टाचार जड़ें जमाए हुए है।

प्रशासन पर सवाल

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि सचिव जैसे जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारी जब रिश्वतखोरी में लिप्त पाए जाते हैं, तो आम जनता का विश्वास प्रशासन से उठता जा रहा है। ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका अंदाजा इस एक मामले से लगाया जा सकता है। एंटीकरप्शन विभाग ने भी इस बात के संकेत दिए हैं कि आगे भी ऐसी कार्रवाइयां लगातार जारी रहेंगी। जनता से अपील की गई है कि यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी उनसे अवैध रूप से धन की मांग करता है, तो तुरंत एंटीकरप्शन विभाग से संपर्क करें।

Location : 
  • Budaun

Published : 
  • 9 October 2025, 5:13 PM IST