अभी नहीं खाली होगा सपा का जिला कार्यालय, मुरादाबाद प्रशासन के खिलाफ हाईकोर्ट का फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुरादाबाद जिले में स्थित समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय को खाली कराने के जिला प्रशासन के आदेश पर रोक लगाई है। कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 9 October 2025, 3:05 PM IST
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Moradabad: मुरादाबाद जिले में समाजवादी पार्टी (सपा) के जिला कार्यालय को खाली कराने के आदेश पर फिलहाल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा है कि मामले की अगली सुनवाई 28 अक्तूबर को होगी, तब तक कोई भी पक्ष इस मामले में कार्रवाई न करे।

क्या है पूरा मामला?

यह विवाद सिविल लाइंस क्षेत्र में स्थित सपा कार्यालय को लेकर पिछले कई दिनों से जारी है। जिला प्रशासन ने यह दावा करते हुए चार दिन के भीतर उस भवन को खाली करने का आदेश जारी किया था कि यह भवन सरकारी संपत्ति है और इसका उपयोग अवैध रूप से राजनीतिक पार्टी के कार्यालय के रूप में किया जा रहा है। प्रशासन ने साफ किया था कि इस संपत्ति पर उनका आधिकारिक अधिकार है, इसलिए सपा कार्यालय को हटाना आवश्यक है।

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सपा ने कहा- यह उनके अधिकारों का हनन

दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के नेताओं ने प्रशासन की इस कार्रवाई को राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित करार दिया और इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह उनके अधिकारों का हनन है और वे इस आदेश के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।

कोर्ट ने क्या कहा?

इस आदेश को चुनौती देते हुए सपा जिलाध्यक्ष और पार्टी के अन्य पदाधिकारियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और फिलहाल यह निर्णय दिया कि जब तक मामले की पूरी कानूनी जांच और स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती, तब तक यथास्थिति बरकरार रखी जाए।

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यह भवन वर्षों से किराए पर

इस आदेश से सपा नेताओं को फिलहाल राहत मिली है, क्योंकि वे अपने कार्यालय में बिना किसी बाधा के कार्य कर पा रहे हैं। पार्टी का दावा है कि यह भवन वर्षों से किराए पर लिया गया है और इस संबंध में सभी कागजी औपचारिकताएं पूरी हैं। उन्होंने कोर्ट में यह भी बताया कि उनके पास भवन का वैध पट्टा और अन्य संबंधित दस्तावेज मौजूद हैं।

रिकॉर्ड में उक्त भवन सरकारी भूमि पर दर्ज

वहीं, जिला प्रशासन का कहना है कि रिकॉर्ड में उक्त भवन सरकारी भूमि पर दर्ज है और इसे पार्टी के उपयोग के लिए नहीं दिया गया है। प्रशासन ने अदालत को बताया कि इस मामले में वह अपनी कार्रवाई जारी रखेगा और यथाशीघ्र निपटारा चाहता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह अंतरिम आदेश दोनों पक्षों को थमने का मौका देता है, जिससे मामला न्यायिक प्रक्रिया के तहत सही तरीके से सुलझाया जा सके। आगामी सुनवाई में कोर्ट सभी दस्तावेजों और दलीलों के आधार पर अंतिम फैसला सुनाएगा।

Location : 
  • Moradabad

Published : 
  • 9 October 2025, 3:05 PM IST