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महराजगंज के निचलौल तहसील स्थित दर्जिनिया ताल में जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा और डीएफओ निरंजन राव सुर्वे ने मगरमच्छ संरक्षण केंद्र का निरीक्षण किया। इस दौरान इको-टूरिज्म विकास, पर्यटक सुविधाओं के विस्तार और संरक्षण व्यवस्था को मजबूत करने पर गहन चर्चा हुई।
दर्जिनिया ताल में डीएम–डीएफओ का मंथन
Maharajganj: महराजगंज जनपद में वन्यजीव संरक्षण को सशक्त करने और पर्यावरण आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रविवार को तहसील निचलौल स्थित दर्जिनिया ताल के मगरमच्छ संरक्षण केंद्र का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण माननीय जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा एवं प्रभागीय वनाधिकारी निरंजन राव सुर्वे द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस दौरान डीएम और डीएफओ के बीच मगरमच्छ संरक्षण व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने तथा दर्जिनिया ताल को इको-टूरिज्म के रूप में विकसित करने को लेकर विस्तृत मंथन हुआ।
निरीक्षण के समय ताल में बड़ी संख्या में मगरमच्छ जल में विचरण करते और ताल के किनारे धूप सेंकते (बास्किंग करते) हुए नजर आए। इस दृश्य ने अधिकारियों का विशेष ध्यान आकर्षित किया, जिस पर जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा और डीएफओ निरंजन राव सुर्वे ने कैमरे से मगरमच्छों की तस्वीरें भी लीं। अधिकारियों ने संरक्षण केंद्र की व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्थल मगरमच्छों के सुरक्षित आवास के लिए अनुकूल है।
महराजगंज डीएम–डीएफओ ने धूप सेंकते मगरमच्छों की ली तस्वीरें#Maharajganj @DmMaharajganj pic.twitter.com/AUqJeazMkW
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) December 14, 2025
लगभग 3 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले दर्जिनिया ताल में नियमित साफ-सफाई, जल संरक्षण और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। ताल परिसर में पर्यटकों के लिए वॉच टावर और मड ट्रैक की सुविधा उपलब्ध है, जिससे बिना किसी बाधा के वन्यजीवों का अवलोकन किया जा सकता है।
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ताल के आसपास का प्राकृतिक वातावरण जैव विविधता से भरपूर है। निरीक्षण के दौरान लिटिल एग्रीट, कॉरमोरंट, वॉटरहेन सहित विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की मौजूदगी भी देखी गई। डीएम और डीएफओ ने कहा कि यदि यहां पर्यावरण अनुकूल सुविधाओं का विकास किया जाए, तो दर्जिनिया ताल भविष्य में जनपद का प्रमुख इको-टूरिज्म केंद्र बन सकता है। इस क्रम में ट्री हाउस, रेस्ट हट, बैठने की व्यवस्था और सुरक्षित पाथवे जैसी सुविधाओं के विकास पर चर्चा की गई।
निरीक्षण के उपरांत जिलाधिकारी ने निचलौल रेंज के बैठवलिया बीट अंतर्गत ग्राम सभा भेड़िहारी स्थित वृक्षारोपण स्थल का भी निरीक्षण किया। लगभग 3 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित इस स्थल पर महोगनी, जामुन, गुटेल, अर्जुन और कटहल के कुल 4800 पौधे रोपित पाए गए। जिलाधिकारी ने पौधों के संरक्षण, सिंचाई और नियमित देखभाल के निर्देश देते हुए कहा कि वृक्षारोपण और वन्यजीव संरक्षण, दोनों सतत और हरित विकास की मजबूत नींव हैं।