गोरखपुर में हत्या के मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, दो अभियुक्तों को सुनाई ये सजा

गोरखपुर जनपद के थाना पीपीगंज पर वर्ष 2016 में पंजीकृत हत्या के एक सनसनीखेज मामले में मंगलवार को कोर्ट ने सजा का एलान कर दिया।

Gorakhpur: गोरखपुर जनपद गोरखपुर के थाना पीपीगंज पर वर्ष 2016 में पंजीकृत हत्या के एक सनसनीखेज मामले में मंगलवार को न्यायालय ADJ/SC/ST Act, गोरखपुर ने दो अभियुक्तों, रोजन अली और सतीश को दोषी करार देते हुए आजीवन सश्रम कारावास और 35,000-35,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।

डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट  के अनुसार यह फैसला पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश के “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत प्रभावी पैरवी और ठोस विवेचना का परिणाम है।
मामला वर्ष 2016 का है, जब थाना पीपीगंज पर मुकदमा संख्या 102/2016 के तहत भारतीय दंड संहिता (भादवि) की धारा 302 (हत्या), 34 (साझा मंशा), और 201 (सबूत मिटाने) के तहत अभियुक्तों रोजन अली, पुत्र मीर अली, और सतीश, पुत्र रामसमूह, दोनों निवासी बुढ़ेली टोला सौरहा, थाना पीपीगंज, के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद मा. न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को अपराध का दोषी पाया और कठोर सजा सुनाई।

पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश द्वारा शुरू किए गए “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत यह सजा गोरखपुर पुलिस की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, गोरखपुर के निर्देशन में इस मामले की विवेचना सब-इंस्पेक्टर वाराणसी मनोज पाण्डेय ने की। थाना पीपीगंज के पैरोकार और मॉनिटरिंग सेल की प्रभावी पैरवी ने इस मामले में निर्णायक भूमिका निभाई। विशेष रूप से, अतिरिक्त जिला सरकारी अधिवक्ता (ADGC) श्री प्रमोद मौर्या का योगदान इस दोषसिद्धि में महत्वपूर्ण रहा। उनकी कानूनी विशेषज्ञता और तर्कपूर्ण पैरवी ने अभियुक्तों को सजा दिलाने में अहम भूमिका अदा की।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस उपलब्धि पर पुलिस टीम की सराहना की और कहा कि “ऑपरेशन कनविक्शन” के तहत अपराधियों को सजा दिलाने के लिए गोरखपुर पुलिस कटिबद्ध है। यह सजा न केवल पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में अपराध के प्रति कड़ा संदेश भी देती है। स्थानीय लोगों ने भी इस फैसले का स्वागत किया है और पुलिस की इस कार्रवाई को सराहा है।

 

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 23 July 2025, 5:15 AM IST