

सुल्तानपुर जिला पंचायत में अपर मुख्य अधिकारी हरिओम नारायण चंद्र और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रामकुमार सेवानिवृत्त हुए। सभागार में आयोजित विदाई समारोह में सहयोगियों ने भावुक होकर दी शुभकामनाएं। कार्यकाल के योगदान को प्रेरणादायक बताते हुए अधिकारियों ने की सराहना।
अपर मुख्य अधिकारी हरिओम नारायण चंद्र हुए सेवानिवृत्त
Sultanpur: जिला पंचायत सुल्तानपुर में गुरुवार को एक भावुक क्षण देखने को मिला, जब अपर मुख्य अधिकारी हरिओम नारायण चंद्र ने 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर सेवा निवृत्ति ली। उनके साथ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रामकुमार भी सेवानिवृत्त हुए। इस अवसर पर जिला पंचायत सभागार में एक गरिमामय विदाई समारोह आयोजित किया गया, जहां साथी कर्मचारियों ने नम आंखों और शुभकामनाओं के साथ उन्हें विदा किया।
समारोह को संबोधित करते हुए हरिओम नारायण चंद्र ने कहा, 'मैंने 19 जुलाई 2021 को सुल्तानपुर में कार्यभार ग्रहण किया था। इस दौरान मुझे सभी सहयोगियों का भरपूर साथ मिला। मेरा प्रयास हमेशा जिले के विकास और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में रहा है।' उनकी कार्यशैली, विनम्रता और कर्मठता की प्रशंसा करते हुए प्रशासनिक अधिकारी दिनेश सिंह ने कहा कि हरिओम जी का व्यवहार, नेतृत्व और कार्य के प्रति समर्पण हमेशा स्मरणीय रहेगा। उन्होंने प्रशासनिक संतुलन और टीमवर्क के साथ कई योजनाओं को सफलतापूर्वक संचालित किया।
जिला पंचायत सुल्तानपुर
कार्यक्रम में उपस्थित अभियंता हेमलता दोहरे, अवर अभियंता और अन्य कर्मचारियों ने भी अपने-अपने अंदाज़ में उन्हें विदाई दी। उन्होंने हरिओम जी के अनुभव, मार्गदर्शन और व्यवहार को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि वे हमेशा एक मार्गदर्शक के रूप में याद किए जाएंगे।
साथ ही, इस अवसर पर रामकुमार, जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर वर्षों से सेवाएं दे रहे थे, उन्हें भी सम्मानपूर्वक विदाई दी गई। सहकर्मियों ने उनके योगदान की सराहना की और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
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इस भावभीनी विदाई समारोह में राजेश श्रीवास्तव, बृजेंद्र कुमार, राकेश कुमार, मो. जावेद, संजय पटेल, शामली, अनुष्का चतुर्वेदी, जितेंद्र कुमार सिंह, संजय सिंह समेत जिला पंचायत के कई अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए। सभी ने मिलकर दोनो सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भावभीनी शुभकामनाएं दीं और भविष्य के लिए मंगलकामनाएं व्यक्त कीं।
हरिओम नारायण चंद्र जैसे अधिकारी की विदाई केवल प्रशासनिक बदलाव नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायी यात्रा का समापन भी है। उनकी सेवा भावना और समर्पण आने वाली पीढ़ी के लिए उदाहरण है।