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हमीरपुर के पढोरी गांव में स्कूल की लापरवाही से नाराज़ छात्र-छात्राओं और अभिभावकों ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। अध्यापकों पर समय पर स्कूल न आने, बच्चों से बदसलूकी और मिड डे मील में लापरवाही के आरोप लगे हैं। ग्रामीणों ने ज्ञापन देकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
हमीरपुर डीएम कार्यालय पहुंचे बच्चे
Hamirpur: जिले के मौदहा विकासखंड क्षेत्र स्थित पढोरी गांव के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों ने विद्यालय के शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि दोषी अध्यापकों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए। प्रदर्शन में शामिल छात्रों का कहना है कि विद्यालय में पढ़ाई का माहौल पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है। अध्यापक समय पर स्कूल नहीं आते और जो आते हैं वे भी बच्चों को पढ़ाने में लापरवाही बरतते हैं। इसके अलावा मिड-डे मील योजना जो बच्चों को पोषण और भोजन की सुविधा देने के लिए बनाई गई है, उसमें भी गंभीर गड़बड़ियां सामने आ रही हैं।
छात्रों और अभिभावकों ने आरोप लगाया कि स्कूल में मिलने वाले मिड डे मील में खाद्य सामग्री की गुणवत्ता बेहद खराब है। कई बार भोजन इतना खराब होता है कि बच्चे उसे खाने से इंकार कर देते हैं। स्थिति यह हो गई है कि अब बच्चे अपने घर से टिफिन लेकर स्कूल आने लगे हैं। इससे सरकारी योजनाओं की विफलता और स्कूल प्रशासन की लापरवाही उजागर होती है।
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प्रदर्शन में शामिल ग्रामीणों और अभिभावकों ने बताया कि जब उन्होंने स्कूल में हो रही लापरवाही की शिकायत की, तो अध्यापक उनसे बत्तमीजी करने लगे। यही नहीं, बच्चों को शिकायत करने से रोकने के लिए उनकी पिटाई भी की जाती है। छात्रों ने बताया कि अध्यापक उन्हें अक्सर डांटते-डपटते हैं और डराने-धमकाने की कोशिश करते हैं ताकि कोई बच्चा या अभिभावक मुंह न खोले।
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कलेक्ट्रेट पहुंचे छात्रों और ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मांग की कि विद्यालय में हो रही अनियमितताओं की जांच करवाई जाए और दोषी अध्यापकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। ज्ञापन सौंपने पहुंचे ग्राम प्रधान, छात्र-छात्राएं, महिलाएं और अभिभावक सभी ने एक स्वर में कहा कि जब तक विद्यालय में योग्य और जिम्मेदार अध्यापक नहीं भेजे जाएंगे, तब तक बच्चों का भविष्य अंधकारमय बना रहेगा।
डीएम कार्यालय से जुड़े अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि शिकायतों की जांच कराई जाएगी और यदि अध्यापक दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।