

जांच के दौरान पता चला कि बस संख्या यूपी 81 सीटी 4920 का संचालन राम प्रसाद द्वारा किया जा रहा था, जो दिल्ली के जनकपुरी का निवासी है। वह “चाचा-चाची ट्रेवेल्स” नाम से टूर एंड ट्रैवल्स चला रहा था। यह कार्रवाई 12-13 अक्टूबर की रात को हुई।
पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया
Lucknow: उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने भारत-नेपाल सीमा पर कूटरचित विशेष परमिटों के जरिए अवैध अंतरराष्ट्रीय बस संचालन करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता हासिल की है। यह कार्रवाई 12-13 अक्टूबर की रात को हुई। जिसमें मुख्य आरोपी राम प्रसाद और उसके साथ चालक बाले थापा उर्फ बालकिशन को गिरफ्तार किया गया।
कैसे हुआ खुलासा?
अलीगढ़ के सहायक संभागीय अधिकारी द्वारा थाना बन्नादेवी में कूटरचित परमिटों के माध्यम से अवैध अंतरराष्ट्रीय बस संचालन के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया गया था। परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश ने भी मामले की जांच का आदेश दिया था। इसके बाद एसटीएफ की टीम ने अपर पुलिस अधीक्षक लाल प्रताप सिंह के नेतृत्व में जांच शुरू की।
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"चाचा-चाची ट्रेवेल्स" के नाम से थी फर्जी कंपनी
जांच के दौरान पता चला कि बस संख्या यूपी 81 सीटी 4920 का संचालन राम प्रसाद द्वारा किया जा रहा था, जो दिल्ली के जनकपुरी का निवासी है। वह "चाचा-चाची ट्रेवेल्स" नाम से टूर एंड ट्रैवल्स चला रहा था।
फरवरी 2024 से चल रहा था धंधा
राम प्रसाद ने पूछताछ में बताया कि उसने फरवरी 2024 में कन्नू ट्रैवल्स से सेकेंड हैंड बस अपने पत्नी के नाम खरीदी थी, जिसे वह खुद संचालित करता है। बस के ड्राइवर बाले थापा है। फर्जी स्पेशल परमिट बनाने का कारण उन्होंने बताया कि असली परमिट प्राप्त करने की प्रक्रिया लंबी और कड़ी होती है, इसलिए वे आरटीओ द्वारा जारी परमिटों में कूटरचना कर नेपाल रूट के लिए पीडीएफ तैयार करते थे। इस पूरे फर्जीवाड़े में राम प्रसाद, उसका बेटा मिलन शर्मा उर्फ सरोज और चालक बाले थापा शामिल थे।
क्या था सीमा हैदर मामला?
आपको बता दें कि पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर भी नेपाल के रास्ते अपने 4 बच्चों के साथ भारत आई थी। 13 मई 2023 को सीमा हैदर अपने प्रेमी के पास आई थी, लेकिन नोएडा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। इसलिए जब भी नेपाल और भारत के बीच आने-जाने की बात होती है तो सीमा हैदर वाला मामला याद आ जाता है। सीमा हैदर मूलरूप से पाकिस्तान की रहने वाली है, इसलिए देश की काफी खुफिया एजेंसियों ने सीमा के खिलाफ जांच की थी। बावजूद उसके उसके जासूस का कोई सुराग हाथ नहीं लगा।