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महराजगंज के प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर में भैरव अष्टमी धूमधाम से मनाई गई। मंदिर संस्थापक सुशील कुमार टिबड़ेवाल के नेतृत्व में विशेष पूजा-अर्चना, भैरव चालीसा पाठ, भव्य श्रृंगार और रात्रि प्रसाद वितरण हुआ। मंदिर को दीपों और फूलों से सजाया गया, जहां सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान भैरव के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
सुशील कुमार टिबड़ेवाल के साथ भक्तों ने लिया भैरव बाबा का आशीर्वाद
Maharajganj: नगर के सुप्रसिद्ध दुर्गा मंदिर परिसर में बुधवार की रात भैरव अष्टमी का पर्व श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया गया। मंदिर संस्थापक अध्यक्ष सुशील कुमार टिबड़ेवाल के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में विशेष पूजा-अर्चना, भैरव चालीसा पाठ, भजन संध्या और रात्रि प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया। काल भैरव जयंती के इस अवसर पर मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालु एकत्र हुए और भक्तिमय माहौल में भगवान भैरवनाथ के जयकारे गूंजते रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत माता दुर्गा की मंगल आरती से हुई। जिसके बाद मंदिर परिसर में भैरवनाथ का विशेष पूजन संपन्न कराया गया। मंदिर के पुजारी अवधेश कुमार पांडेय और कृष्ण मुरारी त्रिपाठी के नेतृत्व में ब्राह्मणों की मंडली ने विधि-विधान से पूजन किया। पूजा के दौरान अष्टगंध, अक्षत, पुष्प, चंदन और रुद्र सूक्त से भगवान भैरव का अभिषेक किया गया। इसके बाद भैरव सहस्रनाम अर्चन, शतनाम स्तोत्र, चालीसा पाठ और स्तुति वंदना की गई। जिसमें श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति भाव से भाग लिया।
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पुजारियों ने बताया कि यह तिथि भैरव अष्टमी के नाम से जानी जाती है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव के रौद्र स्वरूप काल भैरव का प्राकट्य हुआ था। भैरव जी की पूजा से व्यक्ति के जीवन से भय और बाधाएं दूर होती हैं, साथ ही राहु-केतु के अशुभ प्रभाव भी समाप्त हो जाते हैं।
मंदिर को इस अवसर पर पूरी तरह भव्य रूप में सजाया गया। भैरवनाथ का श्रृंगार चंदन, पेवड़ी, रोली, पुष्प और प्राकृतिक गहनों से किया गया। मंदिर के गर्भगृह और पूरे प्रांगण को फूलों, दीपों और रंग-बिरंगी रोशनियों से सजाया गया, जिससे वातावरण आलोकित और मनमोहक हो उठा। शाम होते-होते पूरा परिसर भक्ति रस में सराबोर नजर आया।
दिनभर श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर भगवान भैरव के दर्शन करते रहे। भैरवनाथ के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। रात्रि में प्रसाद वितरण के साथ भजन-संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय कलाकारों और भक्तों ने भक्ति गीत प्रस्तुत किए। “जय भैरव बाबा” और “ओम नमः शिवाय” के स्वर देर रात तक गूंजते रहे।
मंदिर संस्थापक सुशील कुमार टिबड़ेवाल ने स्वयं पूजा-अर्चना में भाग लिया और भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया। उन्होंने कहा कि “भैरव अष्टमी पर भगवान के दर्शन मात्र से जीवन के संकट दूर होते हैं। यह पर्व समाज में आस्था और एकता का संदेश देता है।”
भैरव अष्टमी का यह पर्व महराजगंज में धार्मिक एकता और सामूहिक श्रद्धा का प्रतीक बन गया। स्थानीय नागरिकों, महिला मंडलों और युवाओं ने पूरे उत्साह के साथ मंदिर की सजावट और कार्यक्रम के आयोजन में सहयोग किया।